हर ग्राम पंचायतों में खुलेंगे बर्तन बैंक
- राजस्थान सरकार की अनूठी पहल
- शादी-ब्याह में किराए पर मिलेंगे स्टील के बर्तन
- प्लास्टिक से मुक्ति की ओर बड़ा कदम
जोधपुर(डीडीन्यूज),हर ग्राम पंचायतों में खुलेंगे बर्तन बैंक।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक अभिनव और सराहनीय कदम उठाते हुए प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में ‘बर्तन बैंक’ स्थापित करने की योजना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है।
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इस योजना का उद्देश्य सामाजिक व सामुदायिक आयोजनों में प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है।अब ग्रामीण क्षेत्र में शादी- ब्याह,पारिवारिक समारोहों, पंचायत स्तर पर होने वाले प्रशिक्षणों और अन्य आयोजनों में उपयोग के लिए स्टील के बर्तन आसानी से किराए पर लिए जा सकेंगे।
महज 3 रुपये में मिलेगा पूरा बर्तन सेट
सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार,प्रत्येक पंचायत में कम से कम 400 बर्तन सेट खरीदे जाएंगे, जिनमें एक थाली,तीन कटोरी,एक चम्मच और एक गिलास शामिल होगा। इस सेवा के लिए मात्र तीन रुपये प्रति सेट किराया निर्धारित किया गया है जो बर्तन बैंक के रख- रखाव व संचालन में व्यय होगा। प्रत्येक बर्तन पर संबंधित पंचायत का नाम और स्वच्छ भारत मिशन का लोगो छापा जाएगा,जिससे उनकी पहचान सुनिश्चित रहेगी और चोरी या हानि की स्थिति में आसानी से उन्हें ट्रैक किया जा सकेगा।
राजीविका के महिला स्वयं सहायता समूह होंगे बैंक के संचालक
बर्तन बैंक का संचालन स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा। राजीविका की महिला स्वयं सहायता समूह इन बैंकों की देखरेख,रिकॉर्ड संधारण,बर्तनों के वितरण और संग्रहण की जिम्मेदारी निभाएंगे।इन समूहों का चयन जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। यह पहल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक प्रेरणादायी कदम मानी जा रही है।
पहले चरण में 1000 पंचायतों में शुरू होगा कार्य
योजना के पहले चरण में प्रदेश की एक हजार पंचायतों में बर्तन बैंक स्थापित किए जाएंगे। इनमें जोधपुर जिले की 30 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। प्रत्येक पंचायत को इस योजना के लिए एक लाख रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी।
सामाजिक न्याय की भावना से ओतप्रोत: किराये में छूट का भी प्रावधान
राज्य सरकार की यह पहल केवल पर्यावरण संरक्षण तक सीमित नहीं है,बल्कि सामाजिक समानता को भी ध्यान में रखती है। बर्तन बैंक का उपयोग ग्रामीण समाज के सभी वर्गों को होगा। राज्य सरकार ने सामाजिक न्याय की भावना के अनुरूप दिव्यांगजन, बीपीएल, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग और विशेष परिस्थितियों में किराये में 50% तक की छूट दी जा सकेगी।
यदि बर्तन खो जाएं या क्षतिग्रस्त हों, तो उपयोगकर्ता से उसकी पूरी क्षतिपूर्ति सहित शुल्क वसूला जाएगा। बर्तनों की न्यूनतम संख्या बनाए रखने के लिए पंचायतें समय-समय पर आवश्यकता अनुसार नए बर्तन भी खरीद सकेंगी। दिशा-निर्देशों के अनुसार, बर्तन पांच वर्षों तक उपयोग में लिए जा सकेंगे, लेकिन जो बर्तन अच्छी स्थिति में होंगे, उन्हें आगे भी उपयोग में लाया जा सकेगा।
राज्य सरकार की सोच-स्वच्छता और सशक्तिकरण का संगम
राजस्थान सरकार की यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी,बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने,सामाजिक सहभागिता बढ़ाने और स्थानीय स्तर पर जिम्मेदारी की भावना विकसित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में चल रही यह पहल गांवों को स्वच्छ,संगठित और जागरूक बनाने की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और ‘हरित राजस्थान’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।
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