नई तकनीक से बनेगी थ्री लेयर एलिवेटेड रोड-शेखावत
मीडिया से बातचीत
- 100 मीटर के गैप पर लगेंगे पिलर, ताकि सड़क पर आने वाले अवरोध कम हों
- थ्री लेयर एलिवेटेड रोड का काम जल्दी होगा शुरू
- दो साल में पूरा होगा काम
जोधुपर, स्थानीय सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जोधपुर एलिवेटेड रोड का काम अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगा और दो साल के भीतर काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जोधपुर के लोगों में इस परियोजना को लेकर बेहद उत्साह है।
शनिवार को जोधपुर एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से बातचीत में केन्द्री जलशक्ति मंत्री शेखावत ने कहा कि इस परियोजना का निर्माण नई तकनीक से किया जाएगा। दोनों पिलरों के बीच करीब 100 मीटर का अंतर होगा, जबकि वर्तमान में निर्मित पिलरों में यह अंतर 30 मीटर का है। पिलरों की संख्या कम होने से सड़क पर आने वाले अवरोध कम होंगे। उन्होंने कहा कि यह एक थ्री लेयर एलिवेटेड रोड होगी। जिस पर भविष्य में मेट्रो ट्रेन संचालित करने की संभावना रहेगी।
शेखावत ने जोधपुर और राजस्थान से जुड़ी अहम परियोजनाओं को लेकर भी जानकारी साझा की। शेखावत ने बताया कि जोधपुर एयरपोर्ट विस्तार के लिए 307.11 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि जोधपुर के लोग लंबे समय से जोधपुर एयरपोर्ट के विकास और विस्तार का इंतजार कर रहे हैं। विस्तार कार्य के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 37 एकड़ भूमि आवंटित करने के लिए लगभग 4-5 वर्ष पहले वायुसेना,नगर निगम, राजस्थान सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे।
उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर एप्रेन का पहला चरण का काम पूरा हो चुका है और दूसरे चरण के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। मौजूदा टर्मिनल और नवनिर्मित टर्मिनल को बहुत जल्दी जोड़ दिया जाएगा। एक नए टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा और एयरपोर्ट का नवीनीकरण इस तरह किया जाएगा कि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन की गुंजाइश हो सके। यहां 10 एकड़ भूमि में एक नया पार्किंग क्षेत्र भी बनाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। शेखावत ने कहा कि एक-दो साल में एयरपोर्ट पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट 13 जिलों के लिए बहुत जरूरी है। हालांकि,राजस्थान सरकार ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, वह 50% निर्भरता पर आधारित है, जिस पर मध्य प्रदेश सरकार ने आपत्ति जताई है। 75% निर्भरता के आधार पर ऐसी परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति है। अगर सरकार 50% निर्भरता पर अनुमति देगी तो देश में अराजकता जैसी स्थिति हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं सरकारों को समझाने की पूरी कोशिश कर रहा हूं, ताकि वे किसी नतीजे पर पहुंच सकें और परियोजना जल्द शुरू हो सके। हालांकि, यह मुद्दा अभी भी मौजूद है और इसे जल्दी हल करने की जरूरत है।
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