जबरन किसी का धर्मांतरण न हो,ऐसा कानून होना ही चाहिए- शेखावत
- केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने राजस्थान सरकार के प्रस्तावित कानून का किया स्वागत
- ईवीएम पर कांग्रेस के सवालों पर बोले,पहले झारखंड और जीती सीटों का स्पष्टीकरण दें
- कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति को देश और प्रदेश की जनता ने नकार दिया है
जोधपुर,जबरन किसी का धर्मांतरण न हो, ऐसा कानून होना ही चाहिए- शेखावत।केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार के लाए जा रहे धर्मांतरण कानून का स्वागत करते हुए कहा कि जबरन किसी का भी धर्मांतरण न हो,निश्चित रूप से ऐसा कानून होना ही चाहिए। हम सब लोग राजस्थान सरकार के इस निर्णय के साथ हैं।
रविवार को गृह नगर पहुंचे शेखावत ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रलोभन के आधार पर और जबरन धर्मांतरण न हो, राजस्थान में इस तरह का कानून राज्य सरकार लेकर आ रही है। मैं उसका स्वागत करता हूं। कांग्रेस के ईवीएम पर उंगली उठाने के सवालों पर उन्होंने कहा कि झारखंड और जिन सीटों पर वे जीते हैं पहले उसका स्पष्टीकरण दें। यह सब खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे जैसी स्थिति है।
इसे भी पढ़िएगा – संसदीय कार्य मंत्री ने किए रातानाडा गणेश मंदिर में दर्शन
प्रधानमंत्री,गृहमंत्री और मैंने भी मतगणना से पहले कहा था कि परिणाम के दिन शाम तक ईवीएम बदनाम हो जाएगी। ईवीएम को बदनामी मिल रही है। आने वाले समय में वे जब चुनाव हारेंगे तब ईवीएम को इसी तरह से कोसेंगे।
राजस्थान में उप चुनाव के परिणाम को लेकर शेखावत ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि हम एक से अनेक होने वाले हैं। कांग्रेस, उसकी विचारधारा,नेतृत्व को देश-प्रदेश की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है। यह विभाजनकारी राजनीति करने वाले लोग हैं। इनकी चाल,चरित्र और चेहरे बेनकाब हो गए हैं। राजस्थान और देश की जनता इनको कभी अवसर नहीं देगी।
महाकुम्भ को लेकर संस्कृति मंत्रालय ने बनाई बड़ी योजना
प्रयागराज में जनवरी-फरवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ पर शेखावत ने कहा कि महाकुम्भ दुनिया का सबसे बड़ा समागम है। भारत की वर्ल्ड हेरिटेज इनटेंजिबल ऐसेट है। विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित है। महाकुम्भ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से हमारा कई बार विचार विर्मश हुआ है। इस तरह की अपेक्षा है कि महाकुम्भ में 45 दिन में 45 करोड़ लोग आएंगे। हर आने वाले व्यक्ति के कम्युनिकेशन, कम्यूटेशन,सेनिटेशन और उसका एक्सपीरियंस,इन चारों चीजों को लेकर भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार काम कर रही है।
महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं और दुनिया के अलग-अलग कोनों से आने वाले पर्यटकों को पूरे भारत का दर्शन एक स्थान पर हो,इसको लेकर संस्कृति मंत्रालय ने बड़ी योजना का निर्माण किया है। उसको लेकर हम काम कर रहे हैं।
स्थापना दिवस पर सीमा सुरक्षा बल को दी बधाई
सीमा सुरक्षा बल के 60वें स्थापना दिवस की बधाई देते हुए शेखावत ने कहा कि जिनेवा कन्वेंशन के आधार पर तय हुआ था कि सेना बॉर्डर से पीछे रहेगी। उसी के अनुरूप भारत में सीमा प्रहरियों के रूप में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का गठन हुआ। अटलजी के समय में निर्णय हुआ कि एक फोर्स,एक सीमा की रक्षा करे। तब से लेकर पाकिस्तान और बांग्लादेश,दोनों सीमाओं पर सीमा सुरक्षा बल देश के सबसे बड़े केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के रूप में काम कर रही है।
अपने नाम के अनुरूप सीमाओं की रक्षा ही नहीं,सुरक्षा करके भी बीएसएफ ने अद्भुत काम किया है। उन्होंने कहा कि यह पूरे विश्व में एक मात्र केंद्रीय रिर्जव पुलिस है,जिसके पास में जल,थल और नभ,तीनों पर काम करने की जिम्मेदारी भी है, क्षमता भी है और अनुभव भी है।
शेखावत ने कहा कि बीएसएफ ने 1971 की लड़ाई,कारगिल की लड़ाई में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अद्भुत पराक्रम का परिचय दिया है। मैं सुरक्षा बल के सब जवानों से लेकर उनके महानिदेशक को बधाई देता हूं। हम सब लोग ऐसे महत्वपूर्ण समय में जब देश विकसित होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है,एक नई जिम्मेदारी के एहसास के साथ में आगे बढ़ें,ऐसी कामना है।