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कमला नगर चेस्ट हॉस्पिटल में थोरेस्कोपी से फेफड़े की झिल्ली का सफल इलाज

जोधपुर,कमला नगर चेस्ट हॉस्पिटल में थोरेस्कोपी से फेफड़े की झिल्ली का सफल इलाज। कमला नेहरू चेस्ट हॉस्पिटल में मेडिकल थोरेकोस्कोपी (दूरबीन द्वारा फेफड़े की झिलियों की जांच) द्वारा अनडायग्नोस्ट प्लूरल फ्लूयड (फेफड़ों की झिली में पानी भरना)की मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में निःशुल्क जाँच कर निदान किया गया। कमला नेहरू चेस्ट हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ.सीआर चौधरी ने बताया कि जोधपुर डाबरी निवासी भोमाराम एवं बाड़मेर निवासी उमाराम के फेफफों में बार-बार पानी भरने की समस्या से काफी परेशान थे। उन्होंने कमला नेहरू चेस्ट हॉस्पिटल में परामर्श लिया तो उसे उसकी समस्या के बारे में समझाकर,डॉ.सीआर चौधरी,डॉ दिनेश,डॉक्टर,निश्चय,डॉ समीक्षा,डॉ सिकंदरा डॉ पूरन एवं ओटी स्टाफ नरेश रूनवाल,सुनील मीना की टीम ने थोरेकोस्कोपी द्वारा फेफड़ों की झिल्ली से बायोप्सी (टुकड़ा) लेकर मुख्यमंत्री चिरंजीवी निःशुल्क योजना के अंतर्गत जाँच कर सही निदान किया,जिससे मरीज को फेफड़ों में पानी भरने की समस्या से राहत मिली।

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अधीक्षक डॉ.सीआर चौधरी ने बताया की कमला नेहरू चेस्ट हॉस्पिटल में मेडिकल थोरेकोस्कोपी की सुविधा 2013 से उपलब्ध है एवं अभी तक कुल 278 जांचे की जा चुकी हैं।निरन्तर मरीजों को लाभान्वित किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय जर्नल में पूर्व में प्रकाशित डॉ सीआर चौधरी के मार्गदर्शन में कमला नेहरू चेस्ट हॉस्पिटल के 32 मरीजों में मेडिकल थोरेकोस्कोपी से हुई स्टडी के मुताबिक अनडायग्नोस्ट प्लूरल फ्लूयड में 68% मरीजों में नॉन ट्यूबरकुलर प्लुरल फ्ल्यूड (फेफड़ों की झिल्ली में पानी),31% मरीजों में ट्यूबरकुलर(फेफड़ों की झिल्ली में पानी),पाया गया।

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ये भी बताया कि फेफड़ों में पानी भर जाने,फेफड़े की झिल्ली में टीबी,केंसर आदि बीमारियों की सही पहचान जरूरी है। मेडिकल थोरेकोस्कोपी द्वारा पर्याप्त सेम्पल लेकर इन सभी बीमारियों का लगभग 90 से 100 प्रतिशत तक सही निदान किया जाता है। पूर्व में प्लुरल फ्लूयड (फेफड़ों की झिल्ली में पानी) साइटोलोजी एवं ब्लाइंड बायोप्सी से केवल 60 प्रतिशत तक ही सही निदान हो पाता था। इसके लिए प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ दिलीप कच्छावा ने सराहना की ओर मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का ज्यादा से ज्यादा आमजन को फायदा मिले इसके लिए प्रोत्साहित किया।

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