राज्य सरकार के प्रयास नाकाफी, गौसेवा समिति ने सम्मेलन में उठाया मुद्दा

लंपी स्किन डिजीज

जोधपुर,लंपी के प्रकोप से गौवंश को बचाने के लिए राजस्थान सरकार के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए राजस्थान गौसेवा समिति ने जोधपुर में अहम सम्मेलन किया। जोधपुर के सत्संग भवन में हुए सम्मेलन में 21 जिलों से 350 से ज्यादा प्रतिनिधि पहुंचे। सम्मेलन में फैसला लिया गया कि समिति की ओर से पथमेड़ा गौ धाम तीर्थ के तत्वावधान में सरहदी जिलों में 24 मेडिकल वैन चलाकर सड़क़ों पर घूम रही बेसहारा गायों का इलाज किया जाएगा। इस मेडिकल टीम में चिकित्सक, कंपाउंडर सहित अन्य स्टाफ गांव-गांव जाकर लोगों को लंपी से जागरूक करने के साथ ही उन्हें मेडिकल किट भी मुहैया करवाएंगे।

दवा वितरण पर उठाया सवाल

कार्यक्रम में अतिरिक्त निदेशक ने कहा कि लंपी से बचाव के लिए गांव-गांव में दवाएं भेजी जा रही हैं, इस बात पर गौसेवा समिति के प्रतिनिधि गुस्सा हो गए। उन्होंने दवाइयों के वितरण प्रबंधन पर सवाल उठाए। गौपालकों का कहना था पशुपालन विभाग जिन गांवों में दवाइयां वितरण करने की बात कह रहा है वहां तक दवाइयां पहुंची ही नहीं है।

इन बिंदूओं पर भी हुई चर्चा

आवारा गौवंश को लंपी से बचाने के लिए गौ सेवा समिति 24 मेडिकल वैन आज से गांवों में भेजेगी। इस मेडिकल वैन में 1 गौ चिकित्सक, 2 सहायक भी साथ रहेंगे। मेडिकल वैन गोपालक को लंपी से बचाव के लिए जागरूक करने के साथ ही संक्रमित पशु का इलाज भी करेगी। आयुर्वेदिक, ऐलोपैथिक दवाइयों का वितरण किया जाएगा। इसका प्रस्ताव रविवार को सत्संग भवन में हुई राजस्थान गौ सेवा समिति की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में पारित किया गया।

मध्यप्रदेश से भी पहुंचे गौ भक्त

सम्मेलन में मध्य प्रदेश से भी गौ भक्त यहां पहुंचे। सम्मेलन में गौवंश में फैल रही लंपी स्किन डिजीज से बचाव व आगामी रणनीति पर चर्चा की गई। इस दौरान पशुपालन विभाग जोधपुर के अतिरिक्त निदेशक मनमोहन नागौरी मौजूद थे। कार्यक्रम में गौधाम पथमेड़ा के संस्थापक स्वामी दतशरणानंद महाराज भी मौजूद थे। इस दौरान गौवंश की दुर्दशा के बारे में बताते हुए गौधाम पथमेड़ा के संस्थापक स्वामी दतशरणानंद रो पड़े। उन्होंने कहा कि इस बीमारी में लाखों गौवंश की मौत हुई है लेकिन आंकड़े कम बताए जा रहे हैं। इस संक्रमण में राजस्थान की सरकार ने भारत सरकार को लंपी को राष्ट्र्रीय आपदा घोषित करने की मांग की लेकिन भारत सरकार ने यह बात मानी नहीं है।

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