श्रीमद्भागवत महापुराण एवं नैनी बाई का मायरा कथा की पूर्णारती गुरुवार को

  • अत समय में राम नाम ही काम आएगा और यही साथ जाएगा – राजाराम महाराज
  • जीव कल्याण की प्रथम सीढ़ी सत्संग – रामदास महाराज

जोधपुर कुड़ी भगतासनी स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा की पूर्णार्ति गुरुवार को होगी। कथा के छठे दिन बुधवार को रामावतार, कृष्णावतार, नंदोत्सव, भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन, भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना,

ShreeMadh Bhagwat MahaPuran and Naini Bai's Myra Katha Poornaarti on Thursdayद्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय वर्णन करते हुए कथावाचक ने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। भगवान श्रीकृष्ण रूक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। श्रीकृष्ण-रूक्मिणी की वरमाला पर श्रद्धालुओं द्वारा जमकर पुष्प वर्षा की की गई। प्रसंग के दौरान भजन गायकों ने भजनों की प्रस्तुति दी। कथा की पूर्णारती 18 फरवरी को होगी। इस अवसर पर राजाराम, संत कृपाराम, संत भुरादास, बाल संत जगदीश, घनश्याम, संत राधाकृष्ण और रामदास भी कथा में सम्मिलित हुए। ने कहा कि अंत समय में राम नाम ही काम आएगा और यही साथ जाएगा। राजाराम और बाल संतों ने जब राम नाम की अलख जगाई तो श्रोता भी उनके साथ गाते-गाते मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने जीवकल्याण के लिए प्रथम सीढ़ी सत्संग बताया। आयोजक गौभक्त पं. श्रवण कुमार गौड़ और अशोक मेघवाल ने बताया कि इस अवसर पर बाड़मेर गौड़ समाज के अध्यक्ष अशोक गौड़, भामाशाह व समाजसेवी कुंजी गौड़, रेवतमल गौड़, देवकिशन गौड़ और प्रोफेसर शांति गौड़ उपस्थित थे। आयोजन में समिति के नेमीचंद गौड़, बरजू देवी, बजरंग गौड़, काजल गौड़, खुशबु गौड़, लेखराज जांगिड, मयंक, ज्योति मेघवाल, सीमा राठौड़, रामेश्वरी, जसोदा, एकता, नीतू, श्यामू देवी आदि व्यवस्था में सहयोग दें रहे हैं।

 

 

 

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