आफरी में शोध परामर्शी समूह की बैठक आयोजित

जोधपुर,आफरी में शोध परामर्शी समूह बैठक आयोजित।भावाअशिप शुष्क वन अनुसन्धान संस्थान (आफरी) जोधपुर में शोध परामर्शी समूह की बैठक आयोजित की गई। परामर्शी बैठक विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा विकसित नई परियोजना की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने के लिए डॉ.तरुण कान्त निदेशक, वैज्ञानिक-जी,आफरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

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उन्होंने समस्त शोध परामर्शी विशेषज्ञों एवं सदस्यों का स्वागत करते हुए परामर्शी बैठक के महत्त्व को बताया। हाइब्रिड मोड में आयोजित इस परामर्शी बैठक में डॉ पीएस रावत,अतिरिक्त महानिदेशक ने अपने उद्बोधन में पर्णधारकों की एवं क्षेत्रिय आवश्यकता अनुरूप नवीन शोध परियोजनाओं को क्रियान्वित करने का आह्वान किया। परामर्शी बैठक की सचिव डॉ.संगीता सिंह,समूह समन्वयक (शोध) ने प्रस्तुत परियोजनाओं की सूची एवं उनके मुल्यांकन क्रियाविधि को बताया।

तीन प्रमुख अनुसन्धान क्षेत्रों पर आधारित कुल नौ नवीन परियोजनाओं को आफरी के विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत किया गया। नामित विषय विशेषज्ञों द्वारा अनुसन्धान परियोजनाओं में आवश्यक सुझाव प्रदान कर मुल्यांकन किया गया। किशन सिंह जसोल,प्रगतिशील किसान व पर्यावरणविद,काजरी से वैज्ञानिक डॉ.पीसी.मोहराना,डॉ.आरके काकाणी,डॉ.आरके कालिया,वन विभाग से सेवानिवृत्त मुख्य वन संरक्षक एम एल सोनल, वानस्पतिक सर्वे ऑफ़ इंडिया से डॉ.एसएल मीणा,विधि विश्वविद्यालय से सहयक प्रोफेसर डॉ.नीति माथुर,हेंडीक्राफ्ट उद्योग से प्रशांत सिंह कुशवाह एवं राजेश गुप्ता,डॉ.एमएम सुंदरिया, कृषि विवि,जोधपुर,आफरी से वैज्ञानिक भावना शर्मा,डॉ.शिवानी भटनागर एवं विकास अरोड़ा,डीसी ऍफ़ ने बैठक के परामर्शी सदस्य के रूप में उपस्थित थे।

ऑनलाइन सदस्यों में राजस्थान की शैलजा देवल,भावसे,गुजरात राज्य के केएस.रंधावा,गंगाशरण सिंह,डॉ. शरद श्रीवास्तव,मुख्य वैज्ञानिक,एन बीआरआई,लखनऊ एवं डॉ.रश्मि शर्मा वैज्ञानिक, डीएसटी नई दिल्ली एवं डॉ.रवि वीर चौधरी वस्त्र मंत्रालय ने भाग लिया। संस्थान में संचालित की जा रही है। एआईसीआरपी एवं प्लान परियोजनाओं के उपलब्धियों को परियोजना अन्वेषकों द्वारा प्रस्तुत किया गया।