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सावन मेें लगी वर्षा की झड़ी,15 घंटे में बरसा 118 एमएम पानी

  • ट्रेनें लेट, रोडवेज भी रूकी, जन जीवन अस्त व्यस्त
  • कई बस्तियां जलमग्र
  • प्रशासन जायजा लेने सडक़ों पर उतरा,
  • सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित
  • पाली में भी झमाझम बारिश-जैसलमेर में बारिश शुरू

जोधपुर, दक्षिण पश्चिम मानसून प्रदेश में सक्रिय होने से जोधपुर संभाग में बादल जमकर बरस रहे हैं। सोमवार की शाम सात बजे शुरू हुई बारिश का दौर आज दोपहर तक बना रहा। रूक रूक हो रही बारिश से जहां शहर के नदी नाले उफान पर आ गए तो वहीं सडकें भी दरिया बन गई। 15 घंटों से अनवरत चल रही बारिश से 118 एमएम पारी अब तक बरस गया है।

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दो पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और मानसूनी टर्फ जैसलमेर के ऊपर से गुजरने से बारिश का दौर अगले 48 घंटे तक बने रहने की संभावना बनी है। इधर बारिश से शहर की बिगड़ी चाल का जायजा लेने प्रशासनिक अमला सडक़ों पर उतर गया है। कुछ जगहों पर दीवारें गिरी तो कई स्थानों पर जल भराव और पेड़ तक गिर गए है। जोधपुर शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में भी खूब पानी बरसा है। संभाग के पाली जिले में भी झमाझम बारिश का दौर बना है। जैसमलेर में बारिश की शुरूआत होना बताया गया है।

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इस बरसात से रोडवेज के पहिए भी थम गए, तो ट्रेने भी काफी लेट हो गई। कई ट्रेनों रद्द कर दिया और कइयों के समय में परिवर्तन कर चलाया जा रहा है। शहर में भारी बारिश से सरकारी आदेश पर आज स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई। राजस्थान हाईकोर्ट में भी कामकाज प्रभावित हुआ है। कभी मूसलााधार तो कभी रिमझिम बारिश का दौर शहर में दिन भर बना रहा। बारिश के चलते आम जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। हालांकि शहर में अभी कोई जनहानि की सूचना नहीं मिली है।

55 फीसदी से अधिक बारिश, कलेक्टर ले रहे जायजा

प्रदेश में सामान्य से तकरीबन 55 फीसदी अधिक बरस चुका मानसून कई शहरों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। यहां बीते करीब 15 घंटे से हो रही बारिश से शहर में बाढ़ के हालात हैं। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता सहित प्रशासनिक अमला शहर की सडक़ों और हालात का जायजा लेने उतरा है।

सोमवार शाम से बरस रही बदरा

मूसलाधार बरसात का दौर जोधपुर व आसपास के एरिया में सोमवार शाम करीब सात बजे से शुरू हुआ। तीन घंटे की तेज बरसात से शहर की गलियों में कई फीट तक पानी जमा हो गया और बहाव नदी जैसा देखने को मिला। इस बहाव में कई गाडिय़ां बहती दिखीं। मानसून के 22 दिनों में जोधपुर की यह पहली तेज बारिश है। सोमवार शाम से आज सुबह 8 बजे तक 118 एमएम पानी बरसा है। शहर के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई।

रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड में भरा पानी

शहर के रेलवे स्टेशन में पानी भरने से यात्रियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। रेलवे ट्रैक पर इतना पानी भरा था कि ट्रैक नजर नहीं आए। प्लेटफॉर्म और स्टेशन के बाहर भी जलभराव से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। इधर राइकाबाग बस स्टैंड में भी पानी भर गया।

कागा बस्ती में दीवार ढहने से गाडिय़ां दबी

शहर के कागा कॉलोनी स्थित राधाकृष्ण मंदिर रामगढ़ी में दीवार ढहने से वहां खड़े वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। दीवार के पास खड़ी कार क्षतिग्र्रस्त हो गई। जेसीबी की मदद से मलबे के साथ कार को निकाला गया। गनीमत रही कि बारिश के चलते आस पास कोई नहीं था,अन्यथा जनहानि भी हो सकती थी।

भीतरी शहर में भवन की दीवार ढहीं

इधर भीतरी शहर के पुंगलपाडा स्थित गाय गली में शाहों की पोल की दीवार का हिस्सा ढह गया जिससे दुपहिया वाहन क्षतिग्रत हो गए। सोमवार की रात को हुई बरसात ने भीतरी शहर में पानी के तेज वेग से गाडिय़ां बह गईं। खांडा फलसा दूधेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र में दुकानों में पानी भर गया। जालोरी गेट जालप मोहल्ला क्षेत्र में पानी के वेग के साथ दो कारें बह गई। जलजोग, बारहवी रोड़, खतरनाक पुलिया, पावटा, मंडोर, कलेक्ट्रेट, नेहरु पार्क आदि क्षेत्रों में सडक़ों पर कमर तक पानी भर गया।

हर जगह पानी ही पानी,शहर थमा

शहर में हर तरफ पानी ही पानी है। पूरा शहर थम चुका है। नगर निगम की घोर लापरवाही का खामियाजा शहर के लोग भुगत रहे हैं। शहर के सभी बरसाती नालों की निकासी बंद पड़ी है। कोई भी नाला जोजरी नदी से नहीं जुड़ पाया। ऐसे में शहर में कल से आज सुबह तक बरसे 118 मिलीमीटर पानी को बाहर निकलाने का रास्ता ही नहीं मिला। बरसाती पानी शहर के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र की तरफ बढ़ता रहा।

पानी सड़क़ों पर मार रहा हिलोरें

शहर में बारिश का दौर दिन भर जारी रहा। कभी तेज तो कभी धीमी गति के साथ पानी का बरसता रहा। पानी को शहर के बाहर निकलने का रास्ता तक नहीं मिल रहा है। शहर के सभी बरसाती नालों का पानी ओवरफ्लो होकर सडक़ों पर फैल गया। सभी सडक़े दरिया बनी हैं। सडक़ों पर पानी हिलोरे मार रहा है। शहर का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा जहां जल भराव नहीं हो रखा है।

नालों के हालात बने परेशानी का सबब

भीतरी शहर व सरदारपुरा के बरसाती पानी की निकासी के लिए नेहरू पार्क के समीप से गंदा नाला बहना शुरू होता है। इसे जोजरी नदी से जोडऩे का काम बरसों से अटका पड़ा है। ऐसे में इसका पानी आगे जाकर कॉलोनियों में फैल जाता है। इसी तरह आरटीओ नाला भी आगे नहीं बढ़ पाया। वहीं कायलाना की पहाडिय़ों के बरसाती पानी की निकासी के लिए बना भैरव नाला डर्बी के पास खुले में ही बहता है। इसका पानी अपना रास्ता बना आगे बढ़ता है। चौपासनी हाउसिंग बोर्ड की जल निकासी के लिए दस करोड़ की लागत से बनाया जा रहा नाला निगम की लापरवाही के कारण अधूरा पड़ा है। बंबा मोहल्ले से शुरू होने वाले बरसाती नाले को तो निगम ने कई जगह पर सीवर लाइन से ही जोड़ दिया। सीवर लाइन की अपनी क्षमता है। उसके माध्यम से पानी की निकासी बेहद धीमी रफ्तार से हो पाती है।

रेल सेवाएं बाधित,स्टेशन और पटरियों पर पानी, कई ट्रेन रद्द

इधर भारी बारिश को देखते हुए रेलवे ने कई रेलों को रद्द कर दिया,कुछ ट्रेनों को आंशिक रद्द और कुछ रेलों का मार्ग परिवर्तित किया गया है।

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