मंच पर साकार हुई प्रसाद की कामायनी

मंच पर साकार हुई प्रसाद की कामायनी

  • डाॅ रंगा के निर्देशन में खेला गया कालजयी रचना पर आधारित नाटक

जोधपुर, महाकवि जयशंकर प्रसाद के मनोवैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक पृष्ठ भूमि पर रचित महाकाव्य कामायनी का नाट्य मंचन जोधपुर के जयनारायण व्यास स्मृति भवन टाउन हाॅल में मंगलवार को संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली की वित्तीय योजनातर्गत मयूर नाट्य संस्था के बैनर तले डाॅ एसपी रंगा के निर्देशन में किया गया।

मयूर नाट्य संस्था के सचिव सईद खान ने बताया कि रमेश बोहरा द्वारा नाट्यांतरित एवं डा. सुरेश प्रसाद रंगा द्वारा अनुशोधित यह नाटक वर्तमान मन्वंतर के प्रवर्तक मनु की कथा है, जिसमें निराश भयग्रस्त एवं दुःखी वसुधा को शांति और सुख की आशा बंधाते हुए विश्व समरसता का संदेश प्रसारित किया गया है ।

महाकवि जयशंकर प्रसाद के मनोवैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक पृष्ठ भूमि पर रचित महाकाव्य कामायनी का नाट्य मंचन जोधपुर

जब जब भी जीवन और प्रकृति की लय टूटी है तो महाविनाश हुआ है। देव संस्कृति के वैभव और विलासिता ने जब मर्यादा की सीमाएं लांघ दी तो परमशक्ति का क्रोध प्रलय बनकर प्रकट हुआ और देवों का नाश हुआ, एक ही प्रतिनिधि बचे मनुष्यता के प्रथम पिता- मनु। दैवीय विध्वंस के बाद जिस मानव जाति का विकास हुआ उसके मूल में थी चिंता, जिसके कारण वह जरा और मृत्यु का अनुभव करने को बाध्य हुआ। चिन्ता के अतिरिक्त मनु में दैवीय और असुरी वृत्तियों का संघर्ष चलता रहा जिसके परिणामस्वरूप उसमें एक ओर आशा, श्रद्धा, लज्जा और इडा का आविर्भाव हुआ तो दूसरी ओर काम वासना ईष्र्या और संघर्ष की भावना जागी । इन विरोधी वृत्तियों के निरंतर घात प्रतिघात से मनु में निर्वेद जागा और श्रद्धा के पथ प्रदर्शन से यह निर्वेद जीवन दर्शन के रहस्योद्धाटन से अंत में आनंद की उपलब्धि का कारण बना ।

आज के इस दारूण दौर में एक ओर तो मूल्यों का पतन, जीवन में पसरती निराशा है तो दूसरी ओर है प्रसादजी की ‘‘कामायनी’’ एक वैचारिक संबल जो ज्ञान, कर्म और इच्छा के बीच समत्व भाव की निष्पत्ति करा अखण्ड आनंद की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती है ।

स्त्री पात्र पर केन्द्रित नाटक में श्रद्धा की भूमिका को साकार किया डाॅ. नीतू परिहार ने वहीं मनु का चरित्र निभाया डाॅ. हितेन्द्र गोयल ने, अन्य भूमिकाओं में आकुलि मज़ाहिर सुलतान ज़ई, किलात रमेश बोहरा, इडा एवं लज्जा नेहा रांकावत, मानव की भूमिका में आराध्या परिहार तथा दीपेश परिहार नज़र आये प्रजा मोहित परिहार के अलावा मंच पाश्र्व में रूपसज्जा कैलाश गहलोत, प्रस्तुति नियन्त्रक सईद खान, रंगदीपन रमेश भाटी नामदेव तथा सहयोग शब्बीर हुसैन व प्रेरणा डाॅ. रामप्रसाद दाधीच की रही।

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