20 लाख राजस्थानी प्रवासियों की लोकसभा में आवाज बने पाली सांसद

शून्यकाल में रेल मंत्रालय के समक्ष ट्रेनों के फेरे व नई ट्रेनें चलाने की रखी बहुप्रतीक्षित मांग

नई दिल्ली, देश के दूसरे राज्यों में रहे 20 लाख प्रवासी राजस्थानियों की एक बहुप्रतीक्षित मांग की आवाज बुधवार को पाली सांसद पीपी चौधरी बने। सांसद और पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री चौधरी ने शून्यकाल के दौरान प्रवासियों की आवागमन से जुड़ी समस्या को रेल मंत्रालय के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि उनके लोकसभा क्षेत्र पाली सहित पश्चिमी राजस्थान के लाखों लोग देश के दूसरे राज्यों में रह रहे हैं। इनमें जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, नागौर व अन्य जिले हैं।

इन जिलों के लगभग 20 लाख से अधिक लोग शिक्षा, व्यापार, नौकरी आदि के लिए सूरत, बैंगलोर, मुम्बई, पूणे, चौन्नई व हैदराबाद जैसे शहरों में रहते हैं। इन लोगों को समय-समय पर अपने घर आना-जाना होता है, जिसके लिए रेल आवागमन ही एक मात्र उपयुक्त व सस्ता साधन है लेकिन पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर शहर से इन स्थानों के लिए पर्याप्त रेल सुविधा नहीं है।

नई ट्रेनें या फेरों की संख्या बढ़ाई जाए

सांसद चौधरी ने सदन को बताया कि सूरत, बैंगलोर, मुम्बई, पूणे, चेन्नई व हैदराबाद जैसे शहरों से साप्ताहिक व सप्ताह में दो बार ट्रेनें चलती हैं। राजस्थानी प्रवासी अन्य राज्यों के आर्थिक व्यवस्था में रीढ़ की हड्डी से कम नहीं हैं। इन सभी स्थानों पर आयोजित प्रवासी सम्मेलनों में भागीदारी व संसदीय क्षेत्र में भी प्रवासी बंधुओं से मुलाकात के दौरान उनके द्वारा नई ट्रेनों के संचालन व फेरे बढ़ाने की मांग हमेशा रहती है। उनके अनुसार इन शहरों से जोधपुर और जोधपुर से वापिसी में चलने वाली ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट काफी लम्बी है। दो से तीन महीने बाद का भी टिकट लेने पर वेटिंग ही मिलती है।

इस कारण से लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सांसद चौधरी ने बताया कि वर्तमान में चेन्नई से जोधपुर और पूणे से जोधपुर ट्रेनें साप्ताहिक चलती हैं, जिनके फेरे बढ़ाया जाएं। ट्रेन संख्या 01249 पूणे-भगत की कोठी स्पेशन ट्रेन है, उसका रूट डायर्वेजन वाया मारवाड़ जंक्शन, माउंट, आबू, पाली होते हुए जोधपुर किया जाए। साथ ही पूणे-अहमदाबाद दूंरतो स्पेशल (02298) के ठहराव को आगे बढ़ाते हुए जोधपुर रेलवे स्टेशन तक किया जाए। सांसद चौधरी ने रेल मंत्री से यह भी आग्रह किया इन सभी गंतव्य स्थानों पर आने-जाने की रेल सुविधा के बारे में अध्ययन करवाते हुए नई ट्रेनों को चलाने का फैसला भी इसी बजट सत्र में लिया जाए।

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