वर्ल्ड ट्रॉमाडे पर जीवन रक्षा जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को दिया सीपीआर का प्रशिक्षण
जोधपुर,राजकीय कन्या महाविद्यालय, मगरा पूंजला में सोमवार को रेंजर विभाग द्वारा वर्ल्ड ट्रॉमाडे (विश्व आघात दिवस)के अवसर पर राजस्थान राज्य महिला नीति के वार्षिक कैलेंडर के अनुसार आकस्मिक दुर्घटनाओं में जीवन रक्षा संबंधी जागरूकता देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।
रेंजर प्रभारी डॉ अंशुल दाधीच ने बताया कि रेंजर रुपाली देवड़ा,साधना परमार, लिच्छु, नीतू चौधरी, मनीषा चंदावत द्वारा एकांकी के माध्यम से छात्राओं को सीपीआर (कार्डिक पलमोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, डूबना, सांस घुटना, करंट लगना, चोट लगना जैसी स्थितियों में बेहोश व्यक्ति को सीपीआर की आवश्यकता होती है।इसके माध्यम से मस्तिष्क,हृदय तथा अन्य अंगों में रक्त प्रवाह सामान्य रहता है तथा श्वास प्रक्रिया सुचारू होती है।
नेशनल हेल्थ पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार प्रतिवर्ष विश्व भर में लगभग 5 लाख लोग आघात के कारण मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं,ऐसे वक्त में यदि तात्कालिक देखभाल मिल जाए तो व्यक्ति के जीवित रहने की संभावना दोगुनी हो सकती हैं। एनएसएस अधिकारी डॉ ऋचा गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि दुर्घटना के कारण उत्पन्न आघात से व्यक्ति को उबारा जा सकता है।आघात के कारण हुई मौतों में सर्वाधिक मौत सड़क दुर्घटना में होती है। सतर्कता से यातायात नियमों का पालन स्वयं के साथ दूसरों के जीवन की रक्षा भी करता है। इस हेतु सीपीआर प्रशिक्षण अति आवश्यक है। प्रशिक्षित व्यक्ति संयत रहता है जिससे वह प्राथमिक उपचार देने में अधिक सक्षम होता है।
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