छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन स्कीम बहाल

छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन स्कीम बहाल

  • संघर्षशील कर्मचारियों को दी बधाई
  • केंद्र सरकार सहित सभी राज्यों में करवाएंगे पुरानी पेंशन बहाल- कोजाराम सियाग,अध्यक्ष
  • राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है पेंशन मसीहा
  • जगदीश यादव, महासचिव

जोधपुर,पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन द्वारा देश भर में पिछले कई वर्षों से लगातार एनपीएस को रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करवाने के लिए संघर्ष कर रहे लाखों कर्मचारियों के जज्बे के आगे झुकते हुए पहले 24 फरवरी को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार व आज 09 मार्च को छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने राज्य सरकार के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम को रद्द कर पुरानी पेंशन स्कीम को पुनः बहाल करने की बजट में घोषणा की है।

संगठन के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष कोजाराम सियाग तथा प्रदेश महासचिव जगदीश यादव ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह एनएमओपीएस संगठन के बैनर तले देशव्यापी आंदोलन का परिणाम है कि सरकारे कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा तथा सामाजिक सुरक्षा पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए तैयार हुई है। राजस्थान सरकार तथा छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लाखों कर्मचारियों व उनके परिवारों के लिए दी गई बहुत बड़ी राहत है। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है।

एनएमओपीएस राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष कोजाराम सियाग ने कहा कि देश भर के कर्मचारियों ने नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम के बैनर तले लगभग 8 वर्षों से पड़ाव दर पड़ाव एक राज्य से दूसरे राज्य तक संघर्ष करते हुए वर्ष 2018 के अप्रैल और नवंबर में दिल्ली में दो विशाल रैलियां कर सत्ता के गलियारों में जबरदस्त हलचल पैदा कर दी। एनएमओपीएस के अनवरत संघर्ष से आख़िरकार राजस्थान की गहलोत सरकार के बाद छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार को भी पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए मजबूर किया। आने वाले समय में संघर्ष अपने चरम पर होगा तथा सभी राज्य सरकारों सहित केंद्र सरकार पुरानी पेंशन बहाल करनी होगी।

पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के राजस्थान प्रदेश महासचिव जगदीश यादव ने अशोक गहलोत के निर्णय को कर्मचारियों के इतिहास में सबसे बड़ा निर्णय मानते हुए पेंशन मसीहा की उपाधि देते हुए कहा कि अशोक गहलोत का नाम इतिहास में दर्द हो चुका है। उनको भविष्य में पेंशन मसीहा के रूप में जाना जाएगा। यादव ने बताया कि लगातार संघर्ष तथा संपर्क के द्वारा राजस्थान की सरकार और अधिकारियों को यह समझाने में सफल हो पाए कि नई पेंशन स्कीम कर्मचारी तथा राज्य सरकार दोनों के लिए घातक है।

यह अतिरिक्त वित्तिय भार दे रहा है क्योंकि जहां पुराने कर्मचारियों को राज्य सरकार 23 हजार करोड़ के लगभग पेंशन दे रही है एनपीएस में 29 हजार करोड निवेश करना पड़ रहा है और वह भी लगभग 30 साल एडवांस में। यह एनपीएस कतई ठीक योजना नहीं है यह केवल कॉरपोरेट को लुटाने के लिए शुरू की गई योजना है। यदि आज की तारीख में सभी एनपीएस कर्मचारी हो तो राज्य सरकार को लगभग 65000 करोड़ रुपए एनपीएस में निवेश करना पड़ेगा जबकि पेंशन में कर्मचारियों तथा उनके परिवार को को केवल 23 हजार करोड़ खर्च करना पड़ रहा है अर्थात राजस्थान सरकार को 40 हजार करोड़ का फायदा हर साल होगा तथा कर्मचारियों का बुढ़ापा भी सुरक्षित रहेगा।

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