नाट्य शास्त्र छन्द शास्त्र व काव्य शास्त्र का महत्त्व पूर्ण ग्रंथ है
राष्ट्रीय नाट्यशास्त्र कार्यशाला
जोधपुर,राजस्थान संगीत नाटक अकादमी व राजस्थान संस्कृत अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में चल रही नाट्य शास्त्र कार्यशाला के अंतर्गत चौथे दिन गुरुवार को प्रो.राधा वल्लभ त्रिपाठी ने नाट्यशास्त्र के 14 वें तथा 15वें अध्यायों के अंतर्गत छन्द शास्त्र पर चर्चा की। उन्होंने छन्द शास्त्र की वेदों से चली आ रही परंपरा पर प्रकाश डाला और नाट्यशास्त्र और रंगमंच में छन्द की व्यापक भूमिका को रेखांकित किया।
प्रो. त्रिपाठी ने नाट्यशास्त्र के 16वें अध्याय के आधार पर भारतीय काव्य शास्त्र की परंपरा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नाट्य शास्त्र जिस प्रकार छन्द शास्त्र का एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है, उसी प्रकार काव्य शास्त्र का भी उतना ही महत्त्व पूर्ण ग्रंथ है। नाट्य शास्त्र में अनेक शास्त्र समाये हैं और भारत की कला परंपरा के अनेक विषयों में पहली बार हमें नाट्य शास्त्र से ज्ञान मिलता है। नाट्य शास्त्र में अलंकार, गुण, रीति और काव्य के दोषों का भी विस्तार से निरूपण किया गया है।
अपने अंतिम व्याख्यान में राधा वल्लभ त्रिपाठी ने काव्य शास्त्र के 17 वें अध्याय बताए गए वाचिक अभिनय की चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार आज के रंग कर्मी संवाद बोलने का अभ्यास नाट्य शास्त्र के इस अध्याय से सीख सकते हैं। कार्यशाला तब जीवित हो उठी जब अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा, मदन बोराणा, रमेश बोहरा, पुष्पा,संगीता घोष, शिल्पी माथुर, हितेंद्र गोयल, गगन मिश्रा, प्रमोद वैष्णव, मोनिका वर्मा, दीपमाला, उम्मेद भाटी आदि रंगकर्मियों ने अनेक प्राचीन और आधुनिक नाटकों के मार्मिक प्रसंगों की प्रभावी प्रस्तुति से वातावरण रंगमय बना दिया।
आज के दिन का अंतिम व्याख्यान नाट्य शास्त्र के जाने माने अध्येता प्रो. भरत गुप्त ने नाट्य शास्त्र के संगीत सिद्धांत पर दिया। उन्होंने नाट्य शास्त्र में बताये गए संगीत सिद्धांतों की आज के आधुनिक संगीत सिद्धांतों से तुलना, स्वयं के गायन और वादन का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हुए की। उन्होंने नाट्य शास्त्र के जाति, श्रुति, गांधार्व, स्वर आदि के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए नाट्य शास्त्र में संगीत पर विस्तृत चर्चा की। इस रोचक व्याख्यान में प्रतिभागियों ने रंग मंच में संगीत संबंधी अपनी समस्याओं पर उनसे परामर्श भी प्राप्त किया।
राष्ट्रीय कार्यशाला के संयोजक व राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा ने बताया कि शुक्रवार 17 दिवस को सांय 4 बजे होने वाले समापन समारोह के मुख्यअतिथि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अध्यक्षता कला संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला करेंगे। इस वर्चुअल समारोह में मुख्य सचिव निरंजन आर्य व कला संस्कृति सचिव गायत्री राठौड़ भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
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