- हाईकोर्ट न्यायाधीश पीएस भाटी, पुलिस कमिश्नर जोस मोहन व सम्भागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा की मौजूदगी में हुआ एमओयू
- सत्यमेव जयते सिटीजन सोसायटी और शैक्षिक संस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप एंड स्किल डेवलपमेंट का सँयुक्त अभियान
जोधपुर, तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एक ओर जहां राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियां लगातार कोशिश कर रही हैं वहीं आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य के चलते जोधपुर के सामाजिक संगठन सत्यमेव जयते सिटीजन सोसायटी और शैक्षिक संस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप एंड स्किल डेवलपमेंट की टीम सँयुक्त रूप से स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलायेगी। इस अभियान को लेकर बकायदा दोनों संगठनों के बीच विधिवत रूप से एमओयू किया गया है।
सोसायटी अध्यक्ष विमला गट्टानी ने बताया कि, हाईकोर्ट न्यायाधीश पी एस भाटी, पुलिस कमिश्नर जोस मोहन व सम्भागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा की मौजूदगी में सामाजिक संगठन सत्यमेव जयते सिटीजन सोसायटी की सचिव चंद्रकिरण दवे और शैक्षिक संस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप एंड स्किल डेवलपमेंट की निदेशक अमृता एस दूदिया के बीच विधिवत रूप से एमओयू किया गया।

नेशनल सिक्योरिटी डाटाबेस की ओर से साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए इंटरवेंशन ऑफिसर नियुक्त की गई, इंस्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप एंड स्किल डेवलपमेंट की निदेशक अमृता एस दूदिया द्वारा हासिल किए गए विशेष प्रशिक्षण का लाभ इस जागरूकता कार्यक्रम में मिलेगा, उन्होने बताया कि, दोनों संस्थाओं द्वारा जोधपुर एवं आस-पास के जिलों यानि पशिचमी राजस्थान में साइबर क्राइम की अवेयरनेस को लेकर जागरुकता कार्यक्रम चलाया जायेगा।
दोनों संस्थाएं मिलकर साईबर अपराध को रोकने के लिए स्कूल एवं कॉलेज स्तर पर संयुक्त रूप से जागरुकता कार्यक्रम चलाएंगे। इंस्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप एंड स्किल डेवलपमेंट की निदेशक अमृता एस दूदिया ने बताया कि, साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए चलाए जाने वाले जागरुकता कार्यक्रम के तहत स्कूलों और कॉलेजों में जाकर फिजिकल रूप से प्रेक्टिकल आधार पर विद्यार्थियों को उपयोगी जानकारी उपलब्ध करवाएंगे।

जरूरत पड़ने पर साईबर अपराध की जानकारी संपूर्ण समाज को देने के लिए सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ सेमीनार या कार्यशाला का भी आयोजन करेंगे। दूदिया ने बताया कि, दोनों संगठनों द्वारा प्रमुख एजेंसियों के अधिकारियों और कर्मचारियों में जानकारी देने के उद्देशय से जागरुकता कार्यक्रम चलाएंगे। लगभग 6 माह तक चलने वाले इस जागरुकता कार्यक्रम में आवश्यकता पड़ने पर साईबर एक्सपर्ट को भी बुलाकर नवाचारों से रूबरू कराया जाएगा।
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