सिन्धी अकादमी द्वारा मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन
अकादमियों में कलाकारों एवं साहित्यकारों की बजाय राजनीतिज्ञों को अध्यक्ष,सदस्य बनाया जाता है जिससे सिन्धियत के विकास पर बाधा पहुंचती है
जोधपुर,राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा झालाना संस्थानिक क्षेत्र जयपुर स्थित अकादमी संकुल में राज्य स्तरीय मासिक अदबी गोष्ठी के अवसर पर जोधपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी एवं साहित्यकार हरीश देवनानी ने ’राजनीति/राजनीतिज्ञनि जो सिन्धियत ते असरू’ विषय पर कहा कि सिन्धियत पर राजनीति का गहरा प्रभाव रहा है। अकादमियों में कलाकारों एवं साहित्यकारों की बजाय राजनीतिज्ञ लोगों को अध्यक्ष तथा सदस्य बनाया जाता है जिससे सिन्धियत के विकास पर बाधा पहुंचती है।अजमेर के वरिष्ठ साहित्यकार डा.सुरेश बबलानी ने ’साहित्यकार हरि हिमथाणीअ जो रचना संसार’ विषयक आलेख में सदाहयात वरिष्ठ साहित्यकार हरि हिमथानी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
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गोष्ठी की अध्यक्षता अजमेर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.हासो दादलानी ने ’कवि किशनचंद बेवस जी शाइरी’ में सिन्धी के वरिष्ठ साहित्यकार किशनचंद बेवस के साहित्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बेवस का मूल मंत्र था ’सादा जीवन उच्च विचार’। जयपुर की डॉ.रूपा मंगलानी ने ’उम्मीदअ’ एवं पार्वती भागवानी ने आज़ाद कविताएं प्रस्तुत की। डॉ. गायत्री ने ’सिन्धी कोकिला भगवन्ती नावाणी’ विषयक आलेख में भगवन्ती नावाणी के गाए गीतों का वर्णन किया। इस मौके पर नंदिनी पंजवानी ने भगवंती नावाणी का एक गीत भी प्रस्तुत किया जिसका सभी ने साथ दिया डॉ.जानकी मूरजानी ने ’बसन्त पंचमी/मदनोत्सव’ विषयक आलेख में बसंत पंचमी पर्व के बारे में विस्तार से बताया। विवेकानन्द गोस्वामी ने सिन्ध के महान शास्त्रीय संगीतज्ञ ब्रहमानन्द गोस्वामी के जीवन के बार में विस्तार से बताया।
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हेमनदास मोटवानी ने ’मातृ-पितृ पूजन दीहुं-14 फरवरी’अर्थात बसंत पंचमी पर्व को माता-पिता पूजन दिवस के रूप में मनाने के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। हेमा मलानी ने कहानी ’कर्मयोगी मुहिनी’ में कर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हालात चाहे कैसे भी हों हमें अपने सद्कर्मो पर चलना चाहिए। इस अवसर पर अकादमी द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में आयोजित अखिल भारतीय/राज्य स्तरीय कहानी एवं एकांकी आलेख प्रतियोगिता के विजेताओं में जोधपुर के घनश्याम दास देवनानी,जयपुर के गोबिन्दराम माया,रमेश कुमार रंगानी, नन्दिनी पंजवानी,गोपाल,डॉ.गायत्री, यश मलानी एवं निवाई टोंक की ऋचा छतवानी को सम्मानित किया गया।
गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.खेमचंद गोकलानी,डॉ.माला कैलाश,पूजा चांदवानी,हर्षा पंजाबी,डॉ.पूनम केसवानी,डॉ.हरि जे.मंगलानी,हेमा चंदानी,वीना,ज्योति पहलवानी,डॉ. विजय लक्ष्मी गोस्वामी,अनन्त गोस्वामी तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार,पत्रकार,अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संचालन नन्दिनी पंजवानी ने किया।
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