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नाबालिग छात्रा ने ही रची अपने मित्र को फंसाने की योजना

  • प्राइवेट स्कूल पॉक्सो का मामला
  • पुलिस जांच में हो गया खुलासा
  • पकड़े गए आरोपियों को अब पुलिस बेकसूर होने के लिए लगाएगी अर्जी

जोधपुर,शहर में कुछ दिनों पहले एक निजी स्कूल में पढने वाली छात्रा ने एक छात्र पर पॉक्सो का केस दर्ज करवाया था। इस केस में पुलिस ने शुरूआती जांच में एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था। मगर मुख्य आरोपी को पुलिस ने 7 अक्टूबर को पकड़ा और पांच दिन की पुलिस अभिरक्षा में लिया था। पुलिस की पूछताछ गहन तफ्तीश के बाद छात्रा द्वारा लगाए गए आरोप निराधार साबित हुए। पीड़ित नाबालिग छात्रा ही इस केस में पूरी मास्टर माइंड निकली। उसने अपने केजुअल फ्रेंड को फंसाने के लिए पूरी साजिश रची। अपने घर तक लेटर तक फेंकने की कहानी बहुत सोच समझ कर रची। कारण पूछने पर छात्रा ने बताया कि वह अपने केजुअल फ्रेंड से बदला लेना चाहती थी। इनकी दोस्ती भी वाट्सएप के माध्यम से हुई थी। चैटिंग करते वक्त छात्रा के पिता ने देख लिया था। बाद मेें छात्रा के पिता ने छात्र के परिवार की पारिवारिक पृष्ठभूमि को सही नहीं बता कर उससे दूरी बनाने को कह दिया था। तब छात्रा ने अपने केजुअल फ्रेंड को सोशल मीडिया के सारे प्लेटफार्म पर ब्लॉक कर दिया था। इस पर छात्र को बाद में गुस्सा भी आया था।

पुलिस निरीक्षक जोगेंद्र सिंह ने बताया कि इस कहानी का खुलसा करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। छात्रा द्वारा लगाए आरोप को सही तरीके से पड़ताल की गई। उसके आरोपों के आधार पर पहले एक मुल्जिम को पकड़ कर जेल भिजवाया गया। जबकि वह भी बेकसूर था। उसने अपने जिस केजुअल छात्र पर लेटर लिखने, रात को घर पर आने और अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया वो भी झूठा ही प्रतीत हुआ। गहन तफ्तीश के बाद छात्रा से सही पूछताछ की गई तो उसने झूठी कहानी रचने की बात बताई।

थानाधिकारी जोगेंद्र सिंह ने बताया कि जिस केजुअल छात्र पर आरोप लगाया गया उसे 7 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लाया गया था जो अभी 12 अक्टूबर तक रिमाण्ड पर है। अब दोनों आरोपियों को रिहाई के लिए पुलिस पॉक्सो कोर्ट में अर्जी लगाएगी ताकि उन्हें जमानत मिलने के साथ बेकसूर साबित हो सके। इस छात्र को भी कोर्ट ने तलब किया है।

थानाधिकारी ने छात्रा के खिलाफ कार्रवाई से इंकार किया है। उन्होंने बताया कि पीड़िता नाबालिग है साथ ही कोर्ट आदेशानुसार किसी भी नाबालिग द्वारा कोई आरोप लगाया जाए और झूठा भी प्रमाणित हो तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नही की जा सकती है।

सादा वस्त्रों में लगाए पुलिस कर्मी

पुलिस ने हालांकि प्रकरण में पहले से पता लगाया लिया था कि मामला झूठ से प्रेरित हो सकता है। इसके लिए छात्रा के घर के आसपास सादा वस्त्रों में पुलिस कर्मियों को भी तैनात रखा गया। ताकि पता लगाया जा सके कि उसके घर पर लेटर कहां से पहुंचता है।

छात्रा खुद ही लिखती लेटर

छात्रा खुद ही लेटर लिखती और अभद्र भाषा का प्रयोग करती थी। उसकी स्कूल नोट बुक और लेटर के अक्षरों का मिलान किया गया तो वह हुबहू वैसे ही थे। बाद में पुलिस इस पर पुख्ता हो गई वह अपने केजुअल मित्र को फंसा रही है।

गौरतलब है कि गत दिनों शास्त्रीनगर की एक निजी स्कूल की छात्रा ने अपने साथ हो रही छेड़छाड़ और घर में आ रहे लेटर को पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था। जिस पर शास्त्रीनगर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज कर तफ्तीश आरंभ की थी। एक आरोपी को पहले गिरफ्तार किया गया था। जो अभी न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है।

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