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जोधपुर के शहीद सुखाराम की देह पंचतत्व में विलीन

जोधपुर के शहीद सुखाराम की देह पंचतत्व में विलीन

जोधपुर,शहीद सुखाराम की देह रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। वे सिक्किम के जेमा में शुक्रवार को आर्मी के ट्रक के खाई में गिरने से शहीद हो गए थे, उनके साथ ही 15 अन्य जवान भी शहीद हो गए थे। हादसे में राजस्थान के भी 3 जवानों की शहादत हुई। जिनमें जोधपुर के सुखाराम भी शामिल थे। शहीद सुखाराम का रविवार को उनके पैतृक गांव सांवतकुआं खुर्द में अंतिम संस्कार हुआ।

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शहर से गांव तक लोगों का हुजूम उमड़ा

जोधपुर से उनके पैतृक गांव तक सैनिक वाहन के साथ लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वाहनों का रेला साथ चला। देश भक्ति नारे लगते रहे। पूरा इलाका शहीद के अमर रहने के नारों से गूंज उठा। तिरंगा यात्रा बावड़ी उपखंड के सावंतकुआं खुर्द पहुंची। सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।

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छोटे भाई ने दी मुखाग्नि,गांव में शोक की लहर

शहीद के छोटे भाई महेन्द्र का रो-रोकर बुरा हाल था। उसने अपने लाडले बड़े भाई को मुखाग्नि दी तो बिलख पड़ा। इससे पहले सुखाराम के शहीद होने की सूचना मिली तो सावंत कुआं खुर्द समेत बावड़ी उपखंड इलाके में शोक की लहर छा गई। धोकल राम तरड़ के बेटे सुखाराम चार भाइयों में तीसरे नंबर के थे। सुखाराम के बड़े भाई जगदीश,सतपाल व छोटे भाई महेन्द्र हैं। मां रुकमा गम में डूबी है। मां रुकमा देवी के आंसू नहीं सूख रहे। शहीद की पत्नी जशोदा ने अंतिम दर्शन किए तो बेसुध ही हो गई। उसे परिजनों ने संभाला।

पार्थिव देह शनिवार रात पहुंची जोधपुर, रविवार सुबह सैन्य सम्मान के साथ विदा 

5 साल पहले ही सुखाराम की शादी हुई थी। दो दिन पहले सिक्किम में सेना का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। उनमें से एक जवान बावड़ी क्षेत्र के जोइन्तरा ग्राम पंचायत के राजस्व गांव सावंतकुआं खुर्द का सुखाराम भी था। सुखाराम की पार्थिव देह शनिवार को रात 10 बजे जोधपुर पहुंची। रविवार सुबह 7 बजे परिजन पार्थिव देह लेने जोधपुर पहुंचे। वहां से सैन्य वाहन के साथ पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंची। अंतिम यात्रा में सडक़ के दोनों ओर खड़े होकर लोगों ने शहीद को श्रृद्धांजलि दी। पुष्प वर्षा कर भारत माता की जय के नारे भी लगाए।

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बावड़ी में बाजार रहे बंद

सुखाराम की शहादत की खबर मिली तो बावड़ी उपखंड में लोगों ने बाजार बंद कर दिए। सुखाराम के पिता धोकल राम भी आर्मी में थे। वे रिटायर हो चुके हैं। पिता की तरह सुखाराम देश की सेवा करना चाहता था। बाकी तीनों भाई खेती बाड़ी करते हैं।

छह साल पहले ही किया था ज्वाइन

सुखाराम 6 साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। नॉर्थ सिक्किम के जेमा में लॉन्स नायक के पद पर तैनात थे। सुखाराम व यशोदा के कोई संतान नहीं थी। सुखाराम का ससुराल बावड़ी क्षेत्र के ही नेतड़ा गांव में घेवरराम जाखड़ के यहां है। पत्नी शारदा कुछ दिन मायके रहने के बाद शनिवार सुबह ही ससुराल आई थी।

सुखाराम के चाचा प्रभुराम ने बताया कि शुक्रवार शाम 5 बजे सेना से सूचना मिली थी कि सुखाराम नहीं रहे। नायब तहसीलदार,पटवारी व ग्राम विकास अधिकारी ने सुखाराम के घर पहुंच परिजनों को सांत्वना दी। ग्राम विकास अधिकारी भोम सिंह ने बताया कि शहीद के घर तक जाने वाले रास्ते को जेसीबी मशीन की मदद से सही करवाया गया।

जैसलमेर के गुमान सिंह एवं झुंझूनू के मनोज यादव का भी अंतिम संस्कार

सनद रहे कि सिक्किम के जेमा में शुक्रवार को आर्मी का ट्रक खाई में गिर गया। इसमें राजस्थान के तीन जवान शहीद हो गए। इनमें जैसलमेर के जोगा गांव के रहने वाले सूबेदार गुमान सिंह सोलंकी,जोधपुर के सुखाराम और झुंझुनूं के मनोज कुमार यादव हैं। तीनों का आज अंतिम संस्कार किया गया। रविवार सुबह शहीद के गांव माजरी के लिए तिरंगा यात्रा निकाली गई।

तिरंगा यात्रा सुबह 11.45 बजे गांव पहुंची। जहां बड़ी तादाद में लोग शहीद के अंतिम दर्शन करने पहुंचे। जैसे ही मनोज का शव उनके गांव पहुंचा,पत्नी रो-रोकर बेसुध हो गई। उनकी 3 साल की बेटी शव को एक टक देखती रही। बेटी को जैसे ही पिता के शव के पास लेकर गए, उसने सलाम किया। जैसलमेर के गुमान सिंह की पार्थिव देह भी उनके गांव जोगा लाई गई। वे छुट्टी मनाकर पांच दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे। गुमान सिंह का शव भी पंच तत्व में विलीन हो गया।

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