जोधपुर,पिछले 5 वर्षों से सेव द चिल्ड्रन की ओर से चल रही “शादी कोई बच्चों का खेल नहीं” परियोजना का समापन समारोह पंचायत समिति सभागार ओसियां में न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायधीश सिद्धार्थ सांदु के मुख्य आतिथ्य में समारोह पूर्वक हुआ। इस अवसर पर न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायधीश सिद्धार्थ सांदु ने संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर में स्थित ओसियां क्षेत्र बालिका शिक्षा, बाल विवाह, महिला एवं बाल अधिकार, महिला और बाल स्वास्थ्य, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य के प्रति लगभग अनजान था, यदि इस क्षेत्र के लोगों को इनकी जानकारी भी थी, तो भी लोग इनके प्रति जागरूक नहीं थे। जब सेव द चिल्ड्रन की परियोजना “शादी कोई बच्चों का खेल नहीं” ओसियां में आई, तो कुछ ही वर्षों में परिदृश्य एकदम बदल गया। किशोर किशोरियां और महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आगे आने लग गई। महिलाएं और बच्चे अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य की परवाह करने लगे। बच्चों ने बाल विवाह रुकवाने के लिए पहल की, सेनेटरी नैपकिन का उपयोग होने लगा। किशोर किशोरियों ने जागरूकता को बढ़ाने के लिए सेव द चिल्ड्रन और उरमूल के सहयोग से खुद के छोटे-छोटे दल गठित किए। इन छोटे-छोटे दलों ने अपने अधिकारों और आवश्यकताओं के लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों से सहायता लेनी शुरू की। उपखंड अधिकारी रतन लाल रेगर ने बाल अधिकारों के लिए छोटे से गांव की बच्ची जसोदा प्रजापत अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित हुई इसका श्रेय उरमूल ट्रस्ट और सेव द चिल्ड्रन को दिया। राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड के प्रभारी कमिश्नर डॉ बीएल जाखड़ ने इतने बड़े बदलाव का श्रेय सेव द चिल्ड्रन के नीरज जुनेजा, उरमूल संस्थान के मनोज जनागल और उनकी टीम को प्रदान किया। क्षेत्रीय वन अधिकारी कालूराम जनागल और चिकित्सा विभाग के बसंत कुमार रॉयल ने सेव द चिल्ड्रन और उरमूल संस्थान के सफल परिश्रम की प्रशंसा की। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ धनपत गुर्जर ने परियोजना की प्रशंसा करते हुए इसके निरंतर गतिशील रहने पर बल दिया। बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक डॉ बजरंग सारस्वत ने भी संबोधित किया। उरमूल के सचिव रमेश कुमार सारण ने सभी मेहमानों का स्वागत किया और और परियोजना की उपलब्धियों को सबके सामने रखा। संस्थान के संस्थापक सचिव डॉ रवि प्रकाश ने कार्यक्रम का संचालन किया और इस परियोजना के अंतर्गत स्थापित किए गए बालक बालिका फेडरेशन को लगातार सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में अशोक शर्मा ने सभी मेहमानों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर रेडी संस्थान के अध्यक्ष बाबूलाल बोस, उरमुल दीनदयाल, महिला अधिकारिता से सुपर वाईजर हरकु भाकर, बालिका फेडरेशन की नीमसा राठौड़, अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित जसोदा प्रजापत, नेहरू युवा केंद्र के आसराम हुड्डा, राम सिंह राठौड़, बाल कल्याण समिति समिति के सदस्य लक्ष्मण सिंह, चंद्र प्रकाश देवड़ा, मनोज कुमार जनागल, महेश कुमार हटीला, रेणु गौड़, संतोष ज्याणी सहित अनेक पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता बालक बालिकाएं मौजूद थे।