हनवंत स्टेशन से आसाम के लिए पहली बार चारकोल का लदान

  • 42 वैगन में ग्यारह सौ टन चारकोल का लदान
  • जोधपुर मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट का कमाल

जोधपुर,उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल ने अपनी व्यवसाय विकास इकाई के माध्यम से लूणी जंक्शन के पास हनवंत रेलवे स्टेशन से पहली बार आसाम के लिए चारकोल से लदी मालगाड़ी शनिवार को रवाना की है।
मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पांडेय ने बताया कि हनवंत और उसके आसपास के क्षेत्रों में चारकोल (अंग्रेजी बबूल का कोयला)बहुतायत होने की जानकारी है तथा यहां से इसके लदान की व्यवस्था की मांग पर जोधपुर मंडल ने हनवंत रेलवे स्टेशन पर अपनी बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बीडीयू) के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों तक इसके लदान की व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र से चारकोल के लदान से रेलवे को उचित राजस्व की प्राप्ति होगी। उल्लेखनीय है कि रेलवे को इसके पहले फेरे से शनिवार को 44 लाख रुपये का राजस्व मिला।

हनवंत के सर मठ स्थित डीडी सेल्स कॉरपोरेशन की चारकोल से लदी मालगाड़ी शनिवार को असम के हारमूति रेलवे स्टेशन के लिए रवाना की गई। वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक अजीत मीणा व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक जितेंद्र मीणा ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर परिचालन शाखा के वरिष्ठ निरीक्षक जसवीर सिंह, सुरेश शर्मा व स्टेशन मास्टर राजीव रंजन कुमार भी उपस्थित थे।

डीडी कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक देवेंद्र भारती व टिकेंद्र भारती ने बताया कि अब तक वह आसाम तक तारकोल का लादान सड़क मार्ग से करते रहे जिससे उन्हें बड़ी दुविधाओं का सामना करना पड़ता था मगर जोधपुर मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट के माध्यम से मालगाड़ी के जरिए उनका माल गंतव्य स्थल पर पहुंचेगा। कारपोरेशन की ओर से प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर मालगाड़ी के इंजन की मंत्रोच्चार के साथ पूजा की गई फीता काटकर ट्रेन रवाना की गई।

क्या है चारकोल

स्थानीय भाषा में चारकोल लकड़ी का कोयला होता है जो बबूल की लकड़ी से बनता है। इस क्षेत्र में यह बहुतायत होता है। मालगाड़ी के 42 वैगन में 1100 टन कोयला आसाम के लिए रवाना किया गया और आगे के लिए भी इस हेतु वैगन की मांग बनी हुई है।

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