कुड़ी थाना फिर विवाद में : इस बार निरीक्षक जुल्फिकार पर अवैध वसूली का लगाया आरोप

जोधपुर, शहर का कुड़ी पुलिस थाना एक बार फिर सुर्खियों में है। बुधवार को अवैध वसूली के खेल सामने आने के बाद तीन कांस्टेबलों को निलंबित किया गया तो थानाधिकारी को भी मोनिटरिंग में लापरवाही बरते जाने पर संस्पेंशन झेलना पड़ा। मगर गुरूवार को एक व्यक्ति ने पुलिस आयुक्त के समक्ष उपस्थित होकर थानाधिकारी पर अवैध वसूली को लेकर गंभीर आरोप मढ़े है। शिकायत को लेकर पुलिस आयुक्त ने इसे जांच में रखा है। अब इस प्रकरण की भी जांच करवाई जाएगी।

शिकायत करने वाले शख्स ने इस बार पुलिस निरीक्षक जुल्फिकार अली व एक कांस्टेबल शांतिप्रकाश पर सीधा सीधा अवैध वसूली का आरोप मढ़ा है, आरोप है कि थानाधिकारी व कांस्टेबल ने एक डबल मर्डर केस में अवैध तरीके से वसूली की, इसमेें एक आरोपी के परिजन को उसे छुड़वाने व केस से नाम हटाने की एवज में पांच लाख रुपए मांगे, इतना ही नहीं जब उसे गिरफ्तार किया गया तो उसके पास से जो ढाई लाख रुपए जब्त किए गए थे वो भी थानाधिकारी व कांस्टेबल ने जब्त दिखाने की बजाय उन्हें गोलमोल कर दिया।

यह था मामला

कुड़ी थाना पुलिस ने 12 नवंबर 2020 को एक मामला दर्ज किया था। जिसमें छह आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया था। जिसमें एक आरोपी अनिल जाट को भी गिरफ्तार किया गया था। जिसके भाई जाटीभांडू, शेरगढ़ निवासी भवानी सिंह पुत्र रतन लाल चौधरी का कहना है कि 29 मार्च 2021 को उसके भाई अनिल जाट को आऊ, थाना भोजासर से गिरफ्तार किया गया था। उक्त गिरफ्तारी की कार्रवाई पूर्ण रूप से गलत की गई थी। जबकि उसका भाई वारदात में शामिल नहीं था। पुलिस ने हत्या के मामले में आरोपी अनिल जाट को नामजद किया था।

आरोपी के भाई ने बताया कि मृतकों से उसके भाई का कोई संबंध नहीं था, फिर भी उसके भाई को कुड़ी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के समय अनिल जाट के पास कुल ढाई लाख रुपए थे, वो भी पुलिस ने जब्त कर लिए।

विदेशी नंगर से कॉल करने का आरोप

मामले में कुड़ी थाने में तैनात कांस्टेबल शांतिप्रकाश विदेशी नंबर से आरोपी के भाई को कॉल किया। फोन पर कहा कि थाानाधिकारी जुल्फिकार अली मिलना चाहते हैं। जिस पर भवानी 30 मार्च 2021 को मिलने पहुंचा। तब कांस्टेबल ने उनसे मिलवाया। बैरक से कांस्टेबल अनिल को भी निरीक्षक के पास कमरे में ले गया।

निरीक्षक पर पांच लाख मांगने का आरोप

पुलिस आयुक्त को दी शिकायत में बताया कि निरीक्षक जुल्फिकार अली ने कहा कि तुम्हारे भाई के पास से ढाई लाख रुपए तो जब्त कर लिए वो ले लिए है, लेकिन अब पांच लाख रुपए और लाओ। इसका जल्द इंतजाम करो। जो कांस्टेबल शांति प्रकाश को दे देना।

वाटसअप नंबर से कॉल करने का आरोप

बताया गया कि रूपयों को लेकर कांस्टेबल ने पीडि़त के भाई को वाटसअप कॉल कर धमकाया और रूपयों की मांग की थी। उसके भाई की पिटाई की धमकी दी गई। तब बाद में पीडि़त का भाई भवानी रूपयों के इंतजाम में लग गया।

भाई को बचाने के लिए रूपए लेकर आया

पुलिस आयुक्त को दी शिकायत में बताया कि भवानी अपने भाई को बचाने के लिए 31 मार्च को सुबह थाने पहुंचा। जहां कांस्टेबल शांतिप्रकाश ने अपने मोबाइल से थानाधिकारी जुल्फिकार अली से बात करवाई। इसके कुछ ही देर बाद थाने के सामने फिर कांस्टेबल बिना नंबर की बोलेरो लेकर आया और भवानी से दो लाख रुपए ले लिए। फिर कांस्टेबल ने आश्वस्त किया कि तेरे भाई को अब झूठे प्रकरण से हटा दिया जाएगा। फिर कांस्टेबल ने भवानी के हाथ से मोबाइल ले उसे फोरमेट कर दिया। ऐसे में पीडि़त कुल 4 लाख 50 हजार रुपए हड़प लिए।

दोहरा हत्याकांड का पुलिस ने किया था खुलाासा

पुलिस निरीक्षक जुुल्फिकार अली के सुपरविजन में ही कुड़ी थाना क्षेत्र के दोहरे हत्याकांड का खुलासा हुआ था।
12 नवंबर को गांव बोयल, पीपाड़ निवासी महावीर पुत्र हरदेवराम ने एक रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया कि 11 नवंबर को उनके चाचा के बेटे महेंद्र जाट को दो गाडिय़ों में सवार हो आए कुछ लोग अगवा कर ले गए। 12 नवंबर को पता चला कि उसकी हत्या कर शव बोरानाडा स्थित नारनाडी में फेंक दिया गया। इसी प्रकार डांगियावास निवासी श्यामलाल पुुत्र कोजाराम जाट ने रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया कि उसके भाई भैराराम की भी हत्या कर दी गई है।  पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार कर चालान भी पेश किया है।

इनका कहना है

पुलिस आयुक्त के समक्ष एक शिकायत आई है। इस शिकायत में कितनी संच्चाई है, यह तो जांच के बाद ही पता लगेगा। प्रकरण की अलग से जांच करवाई जाएगी।
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