आईटीआई के छात्र ने रेल से कटकर दी जान
- दो प्रोफेसर और अनुशंक पर प्रताड़ना का आरोप
- सोमवार को कॉलेज में लिया एडमिशन
- गुरुवार को ट्रेन से कटा
- सुसाइड नोट मिला
जोधपुर,आईटीआई के छात्र ने रेल से कटकर दी जान। मध्यप्रदेश के खोड़ शिवपुरी के एक आईटीआई छात्र ने यहां भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से कुछ आगे रेल से कट कर अपनी जान दे दी। घटना गुरुवार की है। उसके पास में मिले सुसाइड नोट में जीने की इच्छा खत्म होने की बात कहने के साथ परेशान होना बताया। उसने गत सोमवार को ही आईटीआई चौखा में एडमिशन लिया था और गुरुवार को सुसाइड कर लिया। उसके पिता ने अब कॉलेज के दो वरिष्ठ प्रवक्ता और अनुशंक पर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित किए जाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दी है। मरने से पहले छात्र ने कॉलेज में फीस भी जमा करवाई थी।भगत की कोठी थानाधिकारी मोहम्मद सदीक ने बताया कि मध्यप्रदेश के खोड़ शिवपुरा का रहने वाला 21 साल का प्रिंस सोनी पुत्र धर्मेंद्र सोनी यहां चौखा स्थित आईटीआई कॉलेज में गत सोमवार को एडमिशन लिया था। एडमिशन से पहले उसने कॉलेज की फीस 28 हजार 200 रुपए जमा करवाए थे।
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गुरुवार को उसने भगत की कोठी रेलवे पहुंचने के बाद कुछ आगे जाकर रेल से कट कर अपनी जान दे दी। उसके पास में एक सुसाइड नोट मिला था। जिसमें उसने परेशान होने और जीने की इच्छा नहीं होने की बात लिखी है। कॉलेज में जमा करवाई गई फीस भी पिता को लौटाने के लिए लिखा।थानाधिकारी ने बताया कि चौखा आईटीआई में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के साथ यहां बने हॉस्टल में ही रहता था। इधर उसके पिता धर्मेंद्र सोनी ने आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित किए जाने का आरोप लगाते हुए कॉलेज या आईटीआई संस्थान के दो वरिष्ठ प्रवक्ता और एक अनुशंक के खिलाफ रिपोर्ट दी है। आरोप है कि इन लोगों ने उसके बेटे को परेशान किया जिससे उसने सुसाइड किया। गुरुवार को उसके पुत्र ने अपनी बुआ को फोन कर नहीं आने की बात की और कहा कि पापा को बोल देना। इसके बाद बुआ ने अपने भाई यानी धर्मेँद्र सोनी को फोन किया। फिर धर्मेंद्र सोनी ने उसे फोन लगाया तो बात नहीं हो पाई। इसके बाद आरपीएफ से पता लगाया गया तो उसकी लोकेशन जोधपुर रेलवे स्टेशन पर मिली। बाद में वह भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर पहुंचा था। रिपोर्ट के अनुसार आईटीआई संस्थान का समय शाम साढ़े पांच बजे का है जबकि उसका पुत्र शाम साढ़े चार बजे कॉलेज से निकला था। जो संस्थान के खिलाफ था, वहां से बाहर जाने की परमिशन आसानी से नहीं दी जाती है। फिर वह संस्थान से क्यों निकला था।
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