भंवरीदेवी अपहरण एवं हत्याकांड

जोधपुर, राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी हत्याकांड की मास्टर माइंड इंद्रा विश्नोई की बुधवार को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। भंवरी केस में इंद्रा को सबसे आखिर में जमानत मिली। अब सभी 17 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। राजस्थान हाईकोर्ट में कल इंद्रा की जमानत याचिका तकनीकी कारणों से उलझ गई थी। फिर वापस नई याचिका लगाई गई थी। इस याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई हुई और उनकी जमानत मंजूरी हो गई।

बहुत मुश्किल से पकड़ में आई थी

सितंबर 2011 में भंवरी के अपहरण का मामला दर्ज होने के बाद इंद्रा भी सुर्खियों में आई थी। 3 नवंबर 2011 को सीबीआई ने पहली बार उससे पूछताछ की थी। एक महीने में उससे 6 बार पूछताछ की गई। फिर 3 दिसंबर 2011 को वह फरार हो गई थी। इंद्रा के राज उगलने के बाद सीबीआई ने ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां शुरू कीं। लंबे समय तक इंद्रा का कोई पता नहीं चल पाया। इंद्रा ने करीब साढ़े पांच साल तक नर्मदा के तट पर गुमनाम जीवन यापन कर फरारी काटी थी। 5 लाख रुपए की इनामी इंद्रा बहुत मुश्किल से पकड़ में आई थी। वह साल 2017 में पकड़ी गई और तभी से जेल में है।

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घर तक नीलाम करने की कोशिश, खरीदने वाला कोई नहीं था

इंद्रा के फरार होने के बाद पुलिस ने उसे खोजने की काफी कोशिश की, लेकिन उसका कोई पता नहीं लग पाया। आखिरकार कोर्ट के माध्यम से उसके सरस्वती नगर स्थित मकान को नीलाम करने का ऑर्डर जारी किया गया। इस मकान को राज्य सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया। कई बार इसे नीलाम करने की प्रक्रिया की गई, लेकिन इंद्रा के डर से कोई खरीदार ही सामने नहीं आए। यह मकान अभी तक राज्य सरकार के कब्जे में है।

भंवरी बेटी का हक लेना चाहती थी इंद्रा ने रोका

भंवरी देवी के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा से रिश्ते थे। उनके साथ उसकी सीडी भी थी। कहा जाता है कि इंद्रा के भाई और पूर्व एमएलए मलखान सिंह विश्नोई से भी भंवरी के संबंध थे। उससे एक बेटी भी थी। भंवरी उस बेटी का हक मांगने की धमकी दे रही थी। अपनी बेटी को हक दिलाने की मांग को लेकर एक बार भंवरी पुलिस थाने तक भी जा पहुंची। वहां से उसे इंद्रा वापस लेकर गई। इंद्रा ने उसे कदम-कदम पर रोका था।

यह थी इंद्रा की योजना

इंद्रा भंवरी के पास मौजूद मदेरणा की सीडी भी हासिल करना चाहती थी। उसका मकसद था कि इसके दम पर मदेरणा की मंत्री पद से छुट्टी हो जाएगी और उसका भाई मंत्री बन जाएगा। इसके बाद इंद्रा ने अपने भाई मलखान व परसराम से चर्चा कर भंवरी के अपहरण की योजना तैयार की। ताकि अपहरण कर भंवरी से सीडी हासिल की जा सके, लेकिन अपहरण के बाद घटनाक्रम इतनी तेजी से घूमा कि भंवरी की हत्या हो गई। इसके बाद इंद्रा की पूरी योजना धरी रह गई।

भंवरी के पति को 10 लाख देकर अपने पक्ष में करने का था आरोप

यह भी आरोप है कि इंद्रा ने भंवरी के मर्डर के बाद उसके पति अमरचंद को 10 लाख रुपए दिए। उसे भंवरी के मर्डर का आरोप मंत्री मदेरणा पर लगाने के लिए तैयार किया। इंद्रा के कहने पर अमरचंद ने मदेरणा के खिलाफ केस दर्ज करवाया और खुद इंसाफ के लिए आंदोलन चलाने लगी। इंद्रा की योजना मदेरणा को भंवरी के मर्डर में फंसाकर अपने भाई मलखान को मंत्री बनवाना थी।

सभी आरोपी जेल से बाहर

भंवरी प्रकरण में गिरफ्तार 17 आरोपियों में से 16 को पहले ही जमानत मिल चुकी थी। सिर्फ इंद्रा को जमानत नहीं मिल पाई थी। इंद्रा की तरफ से पहले सीधे हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई। इसके बाद लोअर कोर्ट में याचिका लगाई गई, जो खारिज हो गई। अन्य सभी आरोपियों ने पहले लोअर कोर्ट में याचिका दायर की। वहां से खारिज होने पर हाईकोर्ट में अपील की गई। इसके बाद इंद्रा की तरफ से इस तकनीकी खामी को दूर करते हुए लोअर कोर्ट में याचिका पेश की गई। लोअर कोर्ट ने 2 सितम्बर को उसकी याचिका को खारिज कर दिया। कल मंगलवार को न्यायाधीश दिनेश मेहता ने इंद्रा के वकील को पुरानी याचिका को वापस लेने की लिबर्टी प्रदान की थी। इसके बाद इंदिरा की तरफ से पुरानी याचिका को वापस ले लिया गया। नई याचिका दाखिल की गई थी।

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