• चप्पे चप्पे पर पुलिस
  • आठ सौ पुलिसकर्मी कमिश्ररेट में लगाए
  • किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं,
  • अनाज मंडियां बंद, नहीं चले रोडवेज के पहिए

जोधपुर, भारत बंद का असर जोधपुर एवं इसके आस पास देखने को मिला। मिलेजुले असर से दोपहर तक किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिल पाई। चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात होने के साथ आला अफसर मॉनिटरिंग के साथ राउण्ड पर रहे। कमिश्ररेट में आठ सौ पुलिस कर्मियों ने मोर्चा संभाले रखा। यातायात भी सुचारू ढंग से चल रहा। शहर में चुनिंदा लोगों ने अपने प्रतिष्ठान स्वेच्छा से भी बंद रखे,अधिकांश बाजार खुले रहे। रोडवेज बसें बंद होने से यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ी। किसान विरोधी कानून को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में भारत बंद के चलते असर जोधपुर में खास देखने नही मिला हालांकि शहरी इलाके में असर नजर नहीं आया, लेकिन ग्रामीण इलाकों में किसानों ने जरूर प्रदर्शन किए तो वहीं दूसरी ओर जोधपुर संभाग की बात करें तो यहां मिलाजुला असर देखने को मिला विभिन्न संगठनों ने सोजती गेट व कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर प्रदर्शन करने के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए और राष्ट्र्रपति के नाम इन तीनों कानून को वापस लेने के लिए ज्ञापन दिया।

नेताओं का घुटनों के बल पर चल कर प्रदर्शन
केंद्र सरकार द्वारा किसानों को मद्देनजर रखते हुए लाए गए तीन कानून का विरोध लंबे समय से चल रहा है। पहली बार ऐसा हुआ जब इस आंदोलन के समर्थन में आए कर्मचारी नेताओं ने जोधपुर के सोजती गेट चौराहे पर सडक़ पर लेट कर प्रदर्शन तो किया वहीं घुटनों के बल चल कर भी अपना विरोध प्रदर्शित किया। यहां कर्मचारी नेता शंभू सिंह मेड़तिया व सोहन डारा के नेतृत्व में जमकर नारेबाजी भी की गई। उधर कलेक्ट्रेट के बाहर किसान नेता गंगाराम जाखड़ व भूराराम चौधरी के नेतृत्व में बकायदा प्रदर्शन करने के साथ राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर इन तीनों कानून को वापस लेने का आग्रह किया गया।

कई व्यापारी बंद के पक्षधर नहीं
शहर के सोजती गेट सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापारियों ने पहले से ही पुलिस से साफ कर दिया था कि वह जोधपुर बंद में शामिल नहीं है लिहाजा उनके प्रतिष्ठान खोले जाने पर सुरक्षा मुहैया कराई जाए और इस को ध्यान में रखकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद भी नजर आया। बंद को देखते हुए पुलिस कमिश्नर जोस मोहन खुद भी लगातार मॉनिटरिंग करते रहे। सुबह से लेकर डीसीपी धर्मेंद्र सिंह और आलोक श्रीवास्तव अपने-अपने क्षेत्र में जहां पूरी तरह से मुस्तैद नजर आए। वहीं कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर भी पुलिस का भारी जाब्ता देखा गया। इसके अलावा शहर कांग्रेस कमेटी कार्यालय के बाहर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इन तीनों कानून के विरोध में नरेंद्र मोदी सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की और प्रदर्शन भी किया।

रोडवेज बसें और मंडियों में रही बंद
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने सोमवार को ही बसें का संचालन नहीं करने की घोषणा कर दी थी। ऐसे में 30 हजार बसों के पहिए आज थमे रहे। यात्रियों को आवागमन में काफी बाधाओं का भी सामना करना पड़ा। वहीं अनाज मंडियों में बंद का काफी असर देखा गया। ट्रकों के पहिए भी जाम ही रहे। माल का लदान आदि भी रूक गया।

पुलिस लेते रही फीडबैक
पुलिस उपायुक्त पूर्व धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि बंद को देखते हुए आठ सौ पुलिस कर्मियों की कमिश्ररेट में तैनाती रखी गई है। किसी प्रकार की अवांछनीय गतिविधि से निपटने के लिए पुलिस के पास माकूल बंदोबस्त रखा गया था, कोविड पालना का ध्यान रखा गया, फिक्स पिकैट लगाके गए। पुलिस आज चौराहों पर बंद के मद्देनजर घूमती नजर आती रही।