जेकेके में 6 दिवसीय मंच पार्श्व कार्यशाला का शुभारम्भ

  • राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर का आयोजन
  • प्रदेश कार्यशाला से होगा रंगकर्म संवृद्धित
  •  देवेंद्र राज अंकुर व अन्य राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ दे रहे हैं टिप्स
  • 6 दिन तक जारी रहेगी वर्कशॉप

जयपुर,जेकेके में 6 दिवसीय मंच पार्श्व कार्यशाला का शुभारम्भ।राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर की ओर से आयोजित प्रदेश की पहली मंच पार्श्व कार्यशाला का मंगलवार को जवाहर कला केन्द्र जयपुर में शुरुआत हुई। केन्द्र ने कला संसार के तहत कार्यशाला में सहभागिता निभाई। 6 दिवसीय कार्यशाला 23 जुलाई तक जारी रहेगी। इसमें थिएटर जगत की मशहूर हस्तियों यथा कहानी का रंगमंच के प्रणेता देवेंद्र राज अंकुर, मंच प्रबंधन विशेषज्ञ सात्विका कंठामनेनी,मंच तकनीक विज्ञ फ़िरोज़ ख़ान के सानिध्य में रंगकर्मी समग्र रूप से मंच प्रबंधन,दृश्य विधान,मंच सज्जा,वस्त्र विन्यास से जुड़े जरूरी पहलुओं को जानेंगे। प्रदेश भर से 300 आवेदकों में से 33 प्रतिभागियों का कार्यशाला के लिए चयन किया गया है।

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कार्यशाला का उद्घाटन राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री रमेश बोराणा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया I संगीत नाटक अकादमी अध्यक्ष बिनाका जेश मालू ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डाला डाला। इस अवसर पर कार्यशाला के परिकल्पक रमेश बोराणा ने कहा कि थिएटर सभी कलात्मक विधाओं का संयोजित रूप है। प्रभावी नाट्य प्रस्तुति के लिए मंच पार्श्व से जुड़ी विधाओं को जानना रंगकर्मियों के लिए बेहद जरूरी है। देवेंद्र राज अंकुर जैसे विशेषज्ञों के सानिध्य में इस कार्यशाला से निश्चित ही राज्य के कलाकारों को नयी दृष्टि व सोच प्राप्त होगा। बोराणा ने कहा कि राज्य में कला संस्कृति का यह स्वर्णिम काल है जिसके लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करोड़ों रुपयों का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि अकादमी द्वारा प्रदेश में विभिन्न विषयों पर अलग-अलग प्रशिक्षण शिविर व कार्यशालाएँ आयोजित हो रही हैं लेकिन समग्र रूप से मंच प्रबंधन, दृश्य विधान,मंच सज्जा,वस्त्र विन्यास पर प्रभावी कार्य की महता के दृष्टिगत यह विशेष कार्यशाला आयोजित की जा रही है।

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प्रियंका जोधावत ने कहा कि हर रचनात्मक विधा की महत्ता को ध्यान में रखकर केन्द्र कलाकारों को अनुकूल माहौल उपलब्ध करवा रहा है। इस अवसर पर विख्यात माँड गायक अली गनी बंधुओं ने अपनी स्वर लहरियों से सबको आनंदित किया। इस अवसर पर जवाहर कला केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत,विशेषज्ञ देवेंद्र राज ने बताया कि थिएटर केवल अभिनय का नाम नहीं है। पार्श्व मंच से जुड़ी हर गतिविधि भी इसका अभिन्न अंग है। रंगकर्मी को चाहिए कि अभिनय या निर्देशन के साथ-साथ वे मंच प्रबंधन, प्रकाश व्यवस्था,दृश्य विधान,मंच सज्जा,वस्त्र विन्यास की बारीकियों पर भी ध्यान दें,नाटक के प्रभावी मंचन के लिए इन सभी का सही समायोजन बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के दौरान वे मंच पार्श्व की पृष्ठभूमि और नाटक में उसकी भूमिका पर प्रकाश डालेंगे। इस कार्यशाला हेतु अकादमी सदस्य गगन मिश्रा को संयोजक व अभिषेक मुद्गल को समन्व्यक बनाया गया है। उद्घाटन सत्र में पं.जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी अध्यक्ष इकराम राजस्थानी,संस्कृत अकादमी अध्यक्ष सरोज कोचर,उर्दू अकादमी अध्यक्ष हुसैन रज़ा खान,ललित कला अकादमी अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास, प्रसिद्ध साहित्यकार व व्यंग्यकार फारूख आफरीदी,जवाहर कला केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत व अन्य गणमान्य और कला मर्मज्ञ मौजूद थे। सभी ने प्रतिभागियों की हौंसला अफजाई की।

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