पहली बारिश में करीब 23 कृत्रिम वाटर रिचार्ज डैम लबालब

  • केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयासों से जिले में बन रहे 90 कृत्रिम वाटर रिचार्ज डैम
  • 30 का निर्माण पूर्ण, 20 का 90% काम पूरा
  • शेष इसी मानसून में बनकर तैयार हो जाएंगे
  • बढ़ेगा क्षेत्र का जलस्तर

जोधपुर,आसमान में उमड़ते काले बादलों और बारिश से जिले की जनता के चेहरे खिले हुए हैं। जोधपुर सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के प्रयासों से क्षेत्र में बने करीब 23 कृत्रिम वाटर रिचार्ज डैम (एनीकट्स और चैक डैम) पहली ही बारिश में लबालब हो गए हैं। इन डैम्स से वाटर रिचार्ज होगा और भूजल के स्तर में वृद्धि होगी,जिससे जनता और किसानों को लाभ मिलेगा। बालेसर ब्लॉक में चेकडेम नवलगड़,फलोदी ब्लॉक में आमला सहित अनेक चेकडैम में वर्षा जल आने से चादर चली।

दरअसल,जिले में पिछले साल 10 नवंबर को कृत्रिम रिचार्ज से भूजल वृद्धि योजना की शुरुआत हुई थी। कृत्रिम वाटर रिचार्ज डैम के निर्माण से जुड़े एक इंजीनियर ने बताया कि योजना के तहत 90 एनीकट्स और चैक डैम्स का निर्माण हो रहा है, जिनमें से 30 का कार्य पूर्ण और 20 का कार्य 90 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। इस बार की बारिश में करीब 23 कृत्रिम वाटर रिचार्ज डैम्स में चादर चली और वो लबालब भर गए। शेष बचे कृत्रिम वाटर रिचार्ज डैम्स का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है। इसी मानसून के दौरान इनका निर्माण भी पूरा कर लिया जाएगा।

पहली बारिश में करीब 23 कृत्रिम वाटर रिचार्ज डैम लबालब

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने मार्च महीने में इन एनीकट्स और चैक डैम्स के लोकार्पण के दौरान कहा था कि इन कृत्रिम वाटर रिचार्ज डैम्स और बस्तवा बांध से पूरे परगने के अधिकांश कुओं में पानी की कमी नहीं रहेगी। हर साल इनका जलस्तर बढ़ता रहेगा। 10-15 साल में ऐसी स्थिति हो जाएगी कि कुएं खोदें तो बाल्टी से पानी निकाला जा सकेगा।

100 करोड़ का पायलट प्रोजेक्ट

अटल भूजल योजना के तहत जोधपुर जिले में 100 करोड़ की लागत से ग्राउंड वाटर रिचार्ज का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। भूजल भरण से जुड़े स्ट्रक्चरों के अलावा इंद्रोका और बस्तवा माताजी में दो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर पानी को रोका जाना है ताकि ग्राउंड वाटर रिचार्ज हो सके। बस्तवा माताजी बांध में तो 100 करोड़ लीटर से ज्यादा पानी एकत्रित होना है। यह पानी जब जमीन में जाएगा तो आसपास के बहुत बड़े क्षेत्र में पीने और खेती के लिए पानी वर्षों तक निर्बाध रूप से मिलेगा।

एक-एक बूंद बचाए पानी का ठीक से हो उपयोग

हम पानी की एक-एक बूंद को बचाएं, एक-एक बूंद को सहजें, एक-एक बूंद पानी का ठीक से उपयोग करें, हर बूंद को अधिकतम उपयोग लें और वैज्ञानिक पद्धतियों से काम करें तो हमारा भविष्य सुरक्षित रह सकता है।

-गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री

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