जोधपुर, कोरोना काल में मीडिया को बच्चों और बालिकाओं के विकास, आशा और आकांशाओ को प्राथमिकता देनी होगी और समाचार माध्यमो से उनकी पीड़ा और व्यथा तथा उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से उजागर करना होगा।

कोरोना काल मीडिया बच्चों

राजस्थान विश्व विद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर राजीव जैन ने आज यूनिसेफ, लोक संवाद संस्थान और विश्व विद्यालय के जन संचार केंद्र द्वारा “रिपोर्टिंग क्षमता वर्धन” के लिए संचालित परियोजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि 18 वर्ष तक बच्चों और बालिकाओं के समाचारों का संप्रेषण तथ्यात्मक, संवेदनशील एवं लोक मानस के अनुसार होना चाहिए।

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राजस्थान यूनिसेफ़ के संप्रेषण विशेषज्ञ अंकुश सिंह ने परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि कोविड संकट में बाल अधिकारों के संरक्षण एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए भावी पत्रकारों को वरिष्ठ मीडिया मेंटर्स व विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण देकर मीडिया रिपोर्ट तैयार की जायेगी।

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वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र बोरा ने कहा कि जो वोट देते हैं, उनका कर्तव्य है कि बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने में हर संभव प्रयास करें और मीडिया को बच्चों के आवाज-अधिकारों को बुलन्द तरीकों से प्रस्तुत करना होगा।

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राजस्थान विश्वविद्यालय के जन संचार केंद्र के पूर्व प्रोफेसर डॉ संजीव भानावत ने यूनिसेफ, लोक संवाद संस्थान व विश्व विद्यालय की अनेक सयुंक्त परियोजनाओं के माध्यम से देश भर के मीडिया क्षेत्र में पहचान बनाने का उल्लेख किया।
समाज विज्ञान के डीन प्रो एसएल शर्मा ने कोविड की तीसरी लहर में बच्चों व बालिकाओं पर विशेष ध्यान देने को महत्व पूर्ण बताया।

दैनिक भास्कर जयपुर के सम्पादकीय प्रमुख तरुण शर्मा ने पत्रकारों के समाचार संकलन, सत्यता व प्रभावी संप्रेक्षक के लिए सतत सही दिशा में कार्य करने के उदारण सहित व्याख्या की तथा नये प्रयोग करने पर ध्यान आकृष्ट किया।

लगभग 2 घंटे तक चले कार्यक्रम जन संचार केंद्र के विधार्थीयो प्रश्नोतर के माध्यम से बातचीत की। इसमें प्रशांत शर्मा, तरुशि अग्रवाल, वर्षा शर्मा, श्रवण व निखिल कुमावत प्रमुख थे। जन संचार केंद्र की प्रमुख डॉ श्रुति शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रारंभ मे लोक संवाद संस्थान के सचिव कल्याण सिंह कोठारी ने स्वागत किया।

>>> इंस्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप एंड स्किल डवलपमेंट का शुभारंभ

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