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हिंदी भाषा देश की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है-डॉ ललिता

हिंदी भाषा देश की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है-डॉ ललिता

महाविद्यालय में मनाया हिन्दी दिवस

जोधपुर, पुष्टिकर महिला महाविद्यालय में बढ़वार को हिन्दी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शैक्षणिक व अशैक्षणिक कर्मचारियों ने शिरकत की। प्राचार्य डॉ.एमडी बोहरा ने कहा कि 14 सितंबर 1949 के दिन देश की संविधान सभा ने एक मत होकर यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही हमारे देश की राजभाषा होगी। जो हमारे गौरव का विषय है। यह स्वतन्त्रता के बाद भाषायी और सांस्कृतिक समन्वय की परिचायक है। आज का दिन हम सभी भारतवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. ललिता कल्ला ने इस अवसर पर हिन्दी की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी दुनिया भर में हमें सम्मान दिलाती है। यह भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है। हमारी यह भाषा देश की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है। ऐसे में यह हमारा पुनीत कर्तव्य बनता है कि हम अपनी इस भाषा का सम्मान करें। वर्तमान की यंत्रवत माहौल में हमारी यह भाषा पिछड़ न जाए इसके लिए हमें मिलकर ज्यादा से ज्यादा इस भाषा का उपयोग दैनिक जीवन में करना चाहिए। हालांकि सरकार अपने स्तर पर इसे पूर्ण बढ़ावा देकर इसे पल्लवित और फुल्लवित कर रही है।

कार्यक्रम में डॉ.उषा सूदन व्यास,डॉ. राजेश बोहरा,डॉ.राजा पुरोहित,डॉ. समता चौहान,डॉ.आभा पुरोहित,डॉ. पूजा राजपुरोहित,डॉ.पूजा पुरोहित, डॉ.कोमल पुरोहित, नूपुर पुरोहित ने वर्तमान परिस्थितियों में हिन्दी भाषा की सार्थकता पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

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