दुर्गा सप्तशती के देव्याअथर्वशीर्ष शक्रादय स्तुति का विशेष बीज मंत्रों संपुट द्वारा हवन

महारूद्रयाग महामृत्युंजय यज्ञ का तीसरा दिन

जोधपुर, विश्व कल्याण एवं मानव जाति के स्वास्थ्य की रक्षा और उत्तम कामना के संकल्प के साथ शहर के प्राचीन और प्रसिद्ध भूतनाथ महादेव मंदिर में चल रहे महारूद्रयाग महामृत्युंजय यज्ञ के तीसरे दिन मंगलवार को प्रधान पीठ पूजन में दशमहाविद्याओं सहित एकादश महारुद्ध का विशेष नाम मंत्रों द्वारा अर्चनम किया गया।

दुर्गा सप्तशती देव्याअथर्वशीर्ष हवन

दुर्गा सप्तशती के देव्याअथर्वशीर्ष शक्रादय स्तुति का विशेष बीज मंत्रों संपुट द्वारा हवन किया। भगवान गणपति का विशिष्ट पूजन अर्थववेद सूत्रों द्वारा किया गया। आचार्य अग्निहोत्री सोमदत्त शर्मा के सान्निध्य में चल रहे महामृत्युंजय यज्ञ में देवी-देवताओं के प्रसन्नार्थ पूजा-अर्चना की गई।

प्रधान मुख्य यजमान बृजेश जोशी सहित इक्कीस ब्राह्मणों ने हवन में भाग लिया। इस महायज्ञ के संचालन में पंडित अग्निहोत्री रामेश्वर बिस्सा, पंडित नवरत्न व्यास, अग्निहोत्री पंडित चंचल हर्ष, अग्निहोत्री पंडित रविदत्त पुरोहित एवं अन्य रितिक गणों ने भाग लिया। पंडित कन्हैयालाल पुरोहित ने बताया कि यज्ञ में विश्वकल्याणार्थ मृत्युंजय महायज्ञ में भक्तों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।

महामृत्युजंय यज्ञ दो पारी में हो रहा है जिसमें सुबह 9 से 12 बजे और दोपहर 3 से पांच बजे तक यज्ञ में आहुतियां दी जा रही है। इसमे पांच कुंड बनाए गए है जिसमें जोड़ों के साथ यज्ञ में मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां दी जा रही हैं।

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