मोदी के कार्यकाल में बह रही गांवों में विकास की गंगा

  • पाली सांसद पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री पीपी चौधरी की प्रेस वार्ता
  • गहलोत सरकार की विफलता गिनाई

जोधपुर,भारत की आत्मा गांवों में बसती है लेकिन पिछले कई दशकों तक गांवों को उनके भाग्य पर ही छोड़ दिया गया था। 2014 में मोदी सरकार बनी तब से लेकर आज तक केन्द्र सरकार ने गांव-गरीब कल्याण की अनेक योजनाओं के द्वारा गांवों को आत्मनिर्भरता की राह पर खड़ा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ही अपने पहले कार्यकाल में गांवों की सरकारों यानि पंचायती राज संस्थाओं को मजबूती देते हुए केन्द्र द्वारा प्राप्त वित्तीय सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया।

मोदी के कार्यकाल विकास

यह बात पाली सांसद पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने शनिवार को भाजपा चुनावी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा पंचायती राज सिस्टम को आर्थिक मजबूती मिलने पर गांवों की दशा और दिशा दोनों ही बदली। उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाई और राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने गांवों में सीमेंट की सड़कें,पंचायतों में इंटरनेट की सुविधा, महात्मा गांधी के स्वराज और दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय योजना आदि का जिक्र किया।

उन्होंने कहा 7 सालों में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना जैसी अनेकों कल्याणकारी योजनाओं से मोदी सरकार ने किसानों व ग्रामीण भारत के विकास को एक अभूतपूर्व गति व दिशा दी। हर गांव में बिजली व सड़क, बेघर को घर और हर घर में शौचालय व रसोई गैस पहुंचाकर पीएम मोदी ने हर पंचायत को नए भारत की यात्रा में सहभागी बनाया। इसके उलट राजस्थान में गहलोत सरकार अपने कुप्रबंधन से पंचायती संस्थाओं को पूर्ण रूप से गर्त में पहुंचा दिया है।

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पंचायतों के विकास हेतु पिछले दो वर्षों से करीब 6600 करोड़ की राशि को रोक रखा है। ऐसे में गांवों में विकास कार्य पूर्णतया ठप्प पड़े हैं। गांवों के जनप्रतिनिधि सरपंच, वार्डपंच व पंचायत कर्मीयों को भी मानदेय नहीं मिल रहा है। सांसद चौधरी ने गांवों की सरकार को मोदी सरकार द्वारा दिए गए अधिकारों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजस्थान में कुल 11334 पंचायतें है और इन पंचायतों में क्या कमी है, कौनसा विकास कार्य अवरूद्ध है तो दिल्ली और जयपुर में बैठे अधिकारी पता नहीं लगा सकते। गांव की समस्याओं का तो निराकरण, गांव से ही चुने गए जनप्रतिनिधि बेहतर कर सकते हैं। ऐसे में प्रदेश की गहलोत सरकार चाहे बजट आवंटन को रोकना या फिर गांवों के जनप्रतिनिधियों के अधिकारों को कम करना, प्रदेश के पंचायती राज सिस्टम को पिछले पौने तीन साल में गर्त में ले गया है।

उन्होंने विश्वास जताया कि गांव की जनता गहलोत सरकार के कुशासन को सबक सिखाते हुए और प्रधानमंत्री मोदी पर अपना भरोसा जताते हुए प्रदेश के 6 जिलों में कमल खिलाएगी। पूर्व शिक्षा मंत्री और जोधपुर पंचायत जिला प्रभारी वासुदेव देवनानी ने प्रथम चरण के चुनावों में हुई धांधली को लेकर कांग्रेस नेताओं पर निशान साधा। देवनानी ने जोधपुर जिले की चार घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं के द्वारा जमकर सत्ता का दुरूपयोग किया जा रहा है।

पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ र्दुव्यवहार किया जाता है, भाजपा कार्यकर्ताओं को जान से मारने के लिए उन पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा वाहन चढ़ाने का प्रयास किया जाता है। इसके अलावा मतदान केन्द्रों के पास मतदाताओं को खुले आम शराब का प्रलोभन देकर उन्हें अपने पक्ष में वोट देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा इन घटनाओं को अंजाम देने वाले कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ प्रशासन द्वारा अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। देववानी ने उम्मीद जताई कि प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था और कांग्रेस के कुशासन पर गांवों की जनता पर अपने वोट की चोट से बहुत ही करारा जवाब देगी। इस अवसर पर सांसद एवं जिला प्रभारी के अलावा सह प्रभारी माधोराम चौधरी,जोधपुर देहात जिलाध्यक्ष उत्तर मनोहर पालीवाल, जोधपुर देहात जिलाध्यक्ष दक्षिण जगराम विश्नोई एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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