परिवार समाज से बहिष्कृत, मृत्यु भोज नहीं करने की सजा, 25 लाख का अर्थदंड

परिवार समाज से बहिष्कृत, मृत्यु भोज नहीं करने की सजा, 25 लाख का अर्थदंड

पीड़ित परिवार ने अब पुलिस की शरण में

जोधपुर, जिले के ग्रामीण क्षेत्र में समाज से बहिष्कृत किए जाने के मामले थमते नजर नहीं आ रहे हैं। गांवो की पंचायत में समाज के मुखिया का हाथ रहता है और वह जब चाहे किसी परिवार को समाज से बेदखल कर देता है। ऐसा ही एक मामला मतोड़ा के बरसिंगों का बास का सामने आया है। जिसमें एक परिवार को बहिष्कृत किए जाने के साथ उस पर 25 लाख का अर्थ दंड लगाया गया है। पीडि़त परिवार ने अब पुलिस की शरण ली है।

पुलिस ने बताया कि पेमाराम पुत्र खुमाराम प्रजापत ने इस्तगासे से गांव के सरपंच प्रतिनिधि सहित 17 नामजद जातीय पंचों पर 25 लाख रुपए की दंड राशि मांगने व समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बन्द कर देने का मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट के अनुसार एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी। उसकी पत्नी ने भाई शेराराम के खिलाफ मतोड़ा थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने व दुष्कर्म करने का मामला दर्ज करवाया था। जिसके बाद पुलिस ने भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

अब पीडि़त ने इस्तगासे के माध्यम से गांव के सरपंच प्रतिनिधि सहित 17 नामजद जातीय पंचों के विरुद्ध मृतक का मृत्युभोज करने के लिए 25 लाख रुपए नकद व समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बन्द करने का फरमान सुनाने का आरोप लगाया। पुलिस ने बताया कि इस्तगासे के आधार पर सरपंच प्रतिनिधि सुमेराराम सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। अब इसमें अनुसंधान किया जा रहा है।

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