due-to-the-success-of-research-bumper-yield-of-dates-in-kajri

शोध की सफलता से काजरी में खजूर की बम्पर पैदावार

जोधपुर,शोध की सफलता से काजरी में खजूर की बम्पर पैदावार हुई है। आईसीएआर केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) में खजूर में अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा निरन्तर शोध कार्य किया जा रहा है और उसी का परिणाम है कि इस वर्ष प्रत्येक पेड़ पर 100 किलो से अधिक गुणवत्तापूर्ण फल प्राप्त हो रहे हैं। वर्ष 2015 में आनन्द कृषि विश्वविद्यालय, गुजरात द्वारा विकसित खजूर की किस्म एडीपी-1 के 150 टिश्यू कल्चर पौधे यहाँ लगाये गये थे। लगाने के तीसरे वर्ष में फल आना आरम्भ हो गये थे और चौथे पांचवें वर्ष तक 60 से 80 किलो तक फल प्राप्त होने लगे थे। खजूर में चूंकि नर एवं मादा पुष्प अलग-अलग पेड़ों पर आते है अत: कृत्रिम प्रागण एक आवश्यक क्रिया है जो प्रत्येक वर्ष करना अनिवार्य है। फरवरी के महीने में पुष्पण होने पर नर के पौधों से पराग लेकर मादा के फूलों में परागण किया जाता है। पराग को 4 डिग्री सेल्सियन तापमान पर भण्डारण करके अगले वर्ष भी परागण के लिए उपयोग में लिया जा सकता है।

ये भी पढ़ें- तटरक्षक मेडल से अलंकृत सैनिकों को भी मिलेगा सुविधाओं का लाभ

प्रधान वैज्ञानिक डा.अकथ सिंह ने बताया कि गुणवत्तापूर्ण फलों के उत्पादन के लिए फसल नियमन एवं गुच्छों का प्रबन्धन बहुत महत्वपूर्ण है। परागण का कार्य फूल खिलने से 36 से 48 घण्टे के भीतर कर देना चाहिए तथा सर्वोत्तम गुणवत्ता के लिए प्रति पेड़ केवल 12 से 15 गुच्छों को रख कर शेष को हटा देना चाहिए।काजरी निदेशक डॉ ओपी यादव ने बताया कि खजूर की किस्म एडीपी-1 सफल रही है। यह शुष्क और अर्द्धशुष्क जलवायु की फसल है। इसकी विशेषता यह है कि फल बारिश आने से पहले ही पक जाते है। इनके परिणाम लगातार सकारात्मक रहे हैं। इसकी क्वालिटी भी सामान्य खजूर फल की अपेक्षा अच्छी और मीठी है। इसका रंग भी बहुत सुहावना लाल है। खजूर की खेती के लिए किसानों को जागरूक कर रहे हैं। पश्चिमी राजस्थान की जलवायु इसकी खेती के लिए बेहतर है। इसकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

ये भी पढ़ें- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे बालेसर,बारिश में लोगों ने सुनी मोदी सरकार की उपलब्धियां

पांव पानी में, सिर धूप में 

खजूर अरब देश का फल है। खजूर के पौधे का पांव पानी में और सिर धूप में रहता है यानि तेज गर्मी के साथ इसको पानी भी खूब चाहिए। एक पौधा 50 से लेकर 300 लीटर तक पानी पी जाता है। यह पौधा 80 साल तक जीवीत रह सकता है।

खजूर में पोषकतापोषकता

खजूर में 3 हजार कैलोरी उर्जा प्रति किलोग्राम होती है। खजूर में 44 फीसदी शर्करा,4.4 से 11.5 फीसदी फाइबर,15 प्रकार के मिनरल्स, ओलिक एसिड और 7 प्रकार के विटामिन पाए जाते हैं। काजरी में खजूर विक्रय हो रहा है आम नागरिक इन्हें खरीद सकते हैं।

दूरदृष्टिन्यूज़ की एप्लिकेशन डाउनलोड करें-http://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews