एआई से डरें नहीं तैयार रहें
हल्द्वानी में एआई जागरूकता कार्यक्रमों की शृंखला जारी
हल्द्वानी(डीडीन्यूज),एआई से डरें नहीं तैयार रहें।विजएआई रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से हल्द्वानी में चलाया जा रहा साप्ताहिक एआई जागरूकता अभियान तकनीकी ज्ञान के क्षेत्र में युवाओं को एक नई दिशा देने में सफल हो रहा है।
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इस अभियान के अंतर्गत 16 मई को डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क,डमुवाडुंगा और 17 मई को डॉ.डीडी.पंत पार्क, एमबीपीजी कॉलेज गेट के सामने कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं, अभिभावकों और तकनीकी छात्रों ने भाग लिया।
एआई को समझना समय की मांग
कार्यक्रम की शुरुआत डेटा साइंटिस्ट खजान मेहतोलिया ने की। उन्होंने बताया कि आज एआई सिर्फ इंजीनियरों या टेक्निकल एक्सपर्ट्स के लिए नहीं,बल्कि हर वर्ग के लिए ज़रूरी हो गया है,चाहे वह दुकानदार हो,किसान हो या शिक्षक। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो लोग रिपीट होने वाले कामों में लगे हैं, उन्हें एआई जल्द ही प्रतिस्थापित कर सकता है लेकिन जो युवा क्रिएटिव, विश्लेषणात्मक और मानवीय बुद्धिमत्ता आधारित कौशलों को विकसित करेंगे,उनके लिए एआई एक सहायक साबित होगा, न कि प्रतिस्पर्धी।
92 मिलियन नौकरियाँ समाप्त होने की संभावना
विजएआई रोबोटिक्स की उपाध्यक्ष डॉ.आयुषी मठपाल ने विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 2030 तक 92 मिलियन नौकरियाँ खत्म हो सकती हैं और इस बदलाव का असर अब दिखने भी लगा है। उन्होंने कुछ हालिया उदाहरण साझा किए।
• माइक्रोसॉफ्ट ने 2025 में 6,000 कर्मचारियों की छंटनी की।
• जोमैटो ने 600 कस्टमर सपोर्ट कर्मचारियों को हटाकर उनकी जगह एआई चैटबॉट तैनात किए।
• आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा के अनुसार,एचआर विभाग का 94% कार्य अब एआई सिस्टम से संचालित किया जा सकता है।
युवाओं से आह्वान
हमें एआई से डरने की नहीं,उसे समझने और अपनाने की आवश्यकता है। जो लोग एआई को समझकर उसके साथ आगे बढ़ेंगे, वही भविष्य की दौड़ में अग्रणी होंगे।
अब डिग्री नहीं कौशल की ज़रूरत है
विजएआई रोबोटिक्स के सीईओ पार्थसारथी जोशी जो महज 17 वर्ष की आयु में यह कंपनी चला रहे हैं ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज दुनिया डिग्रियों से नहीं, स्किल्स से चल रही है। अगर आपमें सोचने और समस्या सुलझाने की क्षमता है,तो एआई आपको लाखों लोगों से आगे खड़ा कर सकता है।
उन्होंने बताया कि भारत के युवाओं को अब सरकारी नौकरी के सीमित अवसरों के पीछे नहीं भागना चाहिए, बल्कि खुद को भविष्य की तकनीकों में प्रशिक्षित करना चाहिए।
आज कंपनियाँ टॉपर्स नहीं, स्किलफुल युवाओं की तलाश में हैं
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा अब केवल ‘जॉब-रेडी’ नहीं, बल्कि ‘वर्ल्ड-रेडी’ बनने की आवश्यकता है। तो चलिए एआई से डरें नहीं,उससे एक कदम आगे चलें। केवल नौकरी के लिए नहीं,दुनिया के लिए खुद को तैयार करें।
संतुलन और समझ का संदेश
कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ डेटा वैज्ञानिक डॉ.अरविंद जोशी ने किया। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे बोलना भूल रहे हैं,क्योंकि वे ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल स्क्रीन पर बिता रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें बच्चों को केवल स्मार्टफोन यूज़र नहीं,स्मार्ट टेक्नोलॉजी निर्माता बनाना है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि एआई को लेकर डर नहीं,समझ विकसित करने की ज़रूरत है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता को समझे बिना उसे नकारना आत्म-विकास से मुँह मोड़ने जैसा है। उन्होंने युवाओं को आह्वान किया कि वे केवल “जॉब-रेडी” नहीं,बल्कि “वर्ल्ड-रेडी” बनें।
आगामी कार्यक्रम
• 23 मई (शुक्रवार): डॉ.भीमराव अंबेडकर पार्क,डमुवाडुंगा में शाम 5:30 बजे से।
• 24 मई (शनिवार) डॉ.डीडी पंत पार्क,एमबीपीजी महाविद्यालय गेट के सामने- सुबह 11 बजे से।
विजएआई रोबोटिक्स की यह मुहिम अब हल्द्वानी के युवाओं को सिर्फ तकनीकी जानकारी ही नहीं दे रही, बल्कि उन्हें भविष्य की राह चुनने और खुद को सशक्त बनाने का मंच भी प्रदान कर रही है।
पंजीकरण व संपर्क
व्हाट्सएप नंबर: 9682395400
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