चिरंजीवी योजना के सफल क्रियान्वयन को लगेंगेे जिला कार्यक्रम प्रबंधक

जोधपुर, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत योजना के सफल क्रियान्वयन और लाभार्थियों को योजना का शत-प्रतिशत लाभ देने के लिए राज्य सरकार द्वारा योजना का वृहद सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।

सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा ने बताया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणा राजोरिया के अनुसार योजना का लाभ प्रत्येक पंजीकृत परिवार को मिलें, इसके लिये जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट इंपिलमेंशन यूनिट (डीआईयू) का गठन किया जा रहा है। ये यूनिट अपने जिले में सम्बद्ध अस्पतालों और लाभार्थियों की समस्याओं के निस्तारण और सहायता के लिये कार्य करेगी।

चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक जिला कार्यक्रम समन्वयक की नियुक्ति जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा वॉक-इन इन्टरव्यू के माध्यम से यूटीबी आधार पर की जाएगी। ये जिला कार्यक्रम प्रबंधक मरीजों की शिकायत का त्वरित निवारण कर अस्पताल और योजना के लाभार्थियों के बीच समन्वय का कार्य करेंगे।

जिला स्तर पर इन प्रबंधक के लगने से योजना के जिला स्तर पर अस्पताल के जुड़ऩे की प्रक्रिया, परिवेदना निवारण, प्रचार- प्रसार और प्रशिक्षण का कार्य अधिक गुणवत्तापूर्ण और सुगम हो पाएंगे।

संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी कानाराम ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट इंपिलमेंशन यूनिट (डीआईयू) के गठन और जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक के साथ अब योजना में सम्बद्ध सभी निजी अस्पतालों में योजना के सफल क्रियान्वयन और लाभार्थियों की सहायता के लिये स्वास्थ्य समन्वयक लगाए जाएंगे।

>>शब्द संदर्भ:(79) वामांगी

योजना में संबद्ध निजी अस्पतालों में 100 बेड तक के अस्पतालों के लिए एक तथा 100 से अधिक बेड वाले अस्पतालों में दो स्वास्थ्य समन्वयक नियुक्त किए जाएंगे। यह स्वास्थ्य समन्वयक अस्पताल में योजना के रजिस्ट्रेशन काउन्टर पर स्वास्थ्य मार्गदर्शक के साथ उपलब्ध रहेंगे। अस्पताल में योजना के लाभार्थी को होने वाली किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए ये स्वास्थ्य समन्वयक उनकी मदद करेंगे।

राजस्थान स्टेट हैल्थ इंश्योरेंस एजेंसी की ओर से ये स्वास्थ्य समन्वयक योजना में सम्बद्ध प्रत्येक निजी अस्पताल एवं योजना में केवल कोविड-19 के उपचार हेतु जिला कलक्टर द्वारा अधिकृत निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं देंगे। इस कार्य हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति को अधिकृत किया गया है और विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए है। इन स्वास्थ्य समन्यवक के अस्पतालों में लगने के बाद योजना के लाभार्थियों को बड़ी मदद मिलेगी।

अस्पताल में पहुंचने के साथ ही लाभार्थी इन स्वास्थ्य समन्वयक के माध्यम से सॉफ्टवेयर में अपनी पहचान दर्ज कर पाएंगे। संबंधित अस्पताल में उपलब्ध/अनुमत पैकेज की जानकारी भी मरीज को इनके माध्यम से दी जाएगी।

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कानाराम ने बताया कि योजना की शुरूआत से अब तक 33 हजार से अधिक मरीजों को योजना के अन्तर्गत नि:शुल्क इलाज से लाभान्वित किया जा चुका है। कोरोना महामारी के उच्च प्रसार में भी योजना के लाभार्थियों को बड़ी राहत मिली है। अब तक 9 हजार 938 कोरोना उपचार के क्लेम सबमिट किए जा चुके हैं।

योजना से अब तक प्रदेश के 749 सरकारी और 357 निजी अस्पताल जुड़ चुके हैं। योजना के बेहतर क्रियान्वयन और परिवदेना के त्वरित निस्तारण के लिए राज्य स्तर से प्रत्येक जोन के लिए एक नोडल अधिकारी आरएसएचएए की और से लगाया गया है। ये नोडल अधिकारी प्राप्त शिकायत के संबंध में अस्पताल और परिवादी से समन्वय कर राहत और निस्तारण का कार्य करते हैं।

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