मील का पत्थर साबित होगी डिजिटल यूनिवर्सिटी

मील का पत्थर साबित होगी डिजिटल यूनिवर्सिटी

जोधपुर, शहर की पहचान शैक्षणिक संस्थाओं के शहर के रूप में होने लगी है। इस कड़ी में जोधपुर डिजिटल यूनिवर्सिटी मील का पत्थर साबित होगी। जल्द शुरू होने वाली इस यूनिवर्सिटी का कंसेप्ट वर्तमान
संस्थानों से काफी अलग होगा। इस डिजिटल फिनटेक यूनिवर्सिटी में भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखकर छात्रों को तैयार किया जाएगा।

डिजिटल फिनटेक यूनिवर्सिटी में साइबर सुरक्षा और तेजी से बदलती तकनीक पर फोकस रहेगा। साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंक,मशीन लर्निंग,रोबोटिक्स ऑटोमेशन व कंप्युटरीकृत उत्पादन पर फोकस किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह यूनिवर्सिटी को तकनीक के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा कि जोधपुर में डिजिटल यूनिवर्सिटी का काम जल्द शुरू होगा। डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए सरकार ने 400 करोड़ का बजट मंजूर किया है। इसके लिए जमीन आवंटित हो गई है। अब जल्द काम आगे बढ़ेगा। सीएम ने कहा था कि डिजिटल यूनिवर्सिटी का हम नया कंसेप्ट लेकर आए हैं। इसके बाद से लोगों के जेहन में ये सवाल उठ रहे हैं कि यह नया कंसेप्ट क्या है? आईआईटी व नवसृजित एमबीएम यूनिवर्सिटी के बावजूद आखिरकार इसकी क्या आवश्यकता है?

डिजिटल यूनिवर्सिटी का ये है नया कंसेप्ट

पूरी दुनिया इंटरनेट से जुड़ी सेवाओं पर निर्भर होती जा रही है। वित्तीय सेवाओं से लेकर छोटे-बड़े सारे कार्यों के लिए लोग अब इंटरनेट पर निर्भर हैं। इस बढ़ती निर्भरता ने एक नया खतरा पैदा कर दिया है साइबर अटैक का। साइबर अटैक का दायरा बहुत व्यापक है। व्यापक साइबर अटैक के माध्यम से पूरे देश की समस्त सेवाओं को क्षण भर में बाधित किया जा सकता है। ऐसे में इससे निपटने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी फौज चाहिये। जो आने वाले समय में देश के लोगों को साइबर अटैक से बचा सके। साथ ही तकनीक के क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलाव के साथ सामंजस्य बैठा कर नई तकनीक का लाभ लोगों तक पहुंचा सके। इन सभी को ध्यान में रख जोधपुर में डिजिटल फिनटेक यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है।

एमबीएम इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के प्रोडक्शन व इंडस्ट्रीयल विभाग के हैड प्रोफेसर मिलिन्द कुमार शर्मा के अनुसार यह एक क्रांतिकारी कदम होगा। इसमें भविष्य की जरुरतों के अनुसार वर्कफोर्स तैयार हो सकेगी। न केवल जोधपुर बल्कि पूरे राजस्थान के लिए यह संस्थान मील का पत्थर साबित होगी। जिसका लाभ आने वाली पीढिय़ों को मिल सकेगा। साथ ही जोधपुर को बड़े शहर यथा बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे,चेन्नई,मुंबई इत्यादि में उपलब्ध शिक्षण संस्थानों के समकक्ष ला खड़ा करेगा।

इन पाठ्यक्रमों पर रहेगा फोकस

इस यूनिवर्सिटी में मुख्य रूप से चार पाठ्यक्रम की स्टडी होगी। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस(एआई), इंटरनेट ऑफ थिंक(आईओटी), मशीन लर्निंग(एमआई),रोबोटिक्स,ऑटोमेशन व कंप्युटरीकृत मैन्युफैक्चरिंग। अधिकांश पढ़ाई ऑनलाइन होगी। ऐसे में ज्यादा बड़े बिल्डिंग्स स्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं रहेगी। अलबत्ता प्रेक्टिकल के लिए लैब्स एवं सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता पड़ेगी।

संस्थान की आवश्कता क्यों?

इनमें से कुछ विषय पहले से एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, जिसको हाल ही में एमबीएम विश्वविद्यालय का स्वरूप दिया गया है, तथा आईआईटी जोधपुर में पढ़ाए जा रहे हैं। इसके बावजूद इन सभी विषयों में विशेषता रखने वाली वर्क फोर्स को तैयार करने के लिए यह संस्थान बहुउपयोगी साबित होगा।

स्टार्टअप को मिलेगा प्लेटफार्म

वर्तमान में जोधपुर में एम्स, आईआईटी,फैशन इंस्टीट्यूट, फुटवियर डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट, कृषि विश्वविद्यालय,एमबीएम इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी,एनएलयू,काजरी,आफरी व डेजर्ट मेडिसन रिसर्च सेंटर, रिमोट सेंसिंग सेंटर सहित कई संस्थान हैं। इनके साथ यह एक महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभा सकेगा। साथ ही यहां से निकलने वाले छात्रों के माध्यम से स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहन मिलेगा। यदि कुछेक ही स्टार्टअप अंतरराष्ट्रीय स्तर के निकल गए तो जोधपुर का पूरा सिनैरियो ही बदल जाएगा।

डिजिटल क्रांति का सपना होगा पूरा

इसके माध्यम से डिजिटल क्रांति का सपना साकार किया जा सकेगा। इस संस्थान में नई तकनीक का बहुत गहराई से अध्ययन कराया जाएगा। साथ ही इस तकनीक का उपयोग वित्तीय सेवाओं के साथ ही कृषि, स्वास्थ्य,शिक्षा व उद्योगों में किया जा सके, ऐसा प्लेटफार्म विकसित किया जाएगा ताकि तकनीक का लाभ आम आदमी तक तेजी के साथ पहुंच सके। जोधपुर में कृषि व स्वास्थ्य से जुड़े बेहतरीन संस्थान पहले से हैं। ऐसे में इन संस्थानों को नए संस्थान से तकनीकी लाभ तुरंत मिलना शुरू हो सकेगा। जोधपुर में बड़ी संख्या में उद्योग चल रहे हैं। ये सभी नई यूनिवर्सिटी के साथ टाईअप कर अपने उद्योगों को नई तकनीक से अपग्रेड कर सकेंगे।

दूरदृष्टिन्यूज़ की एप्लिकेशन डाउनलोड करें – http://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews

Similar Posts