• जालौर में 6 वर्षीय मासूम की प्यास से मृत्यु को केंद्रीय मंत्री ने बताया बेहद दुखदायी घटना
  • पूछा- राजस्थान सरकार ने जल जीवन मिशन में मिली राशि का उपयोग क्यों नहीं किया?
  • केंद्र की योजनाओं से दूरी बनाती है राज्य सरकार

जयपुर, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जालौर जिले के रानीवाड़ा क्षेत्र में प्यास से छह वर्षीय मासूम की मृत्यु पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शेखावत ने कहा कि अपनी राजनीति के लिए लोगों को जल जैसे मूल संसाधन से वंचित रखना घोर पाप है गहलोत जी। प्यास से 6 साल की बच्ची की मृत्यु राजनीति के मापदंड से भी अमानवीय है। ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद दुखदायी है। मैं प्रभु से उस छोटी बच्ची की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।

मंगलवार को शेखावत ने कहा कि राजस्थानवासियों के लिए इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी? एक ओर जल जीवन मिशन के तहत देशभर के करोड़ों परिवारों तक नल से जल पहुंचे और दूसरी ओर राजस्थान में प्यास के कारण एक बच्ची की मृत्यु हो जाए।

प्रश्न है कि गहलोत सरकार ने जल जीवन मिशन में मिली राशि का उपयोग क्यों नहीं किया? प्रश्न है कि, गहलोत सरकार जल जीवन मिशन को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही? उन्होंने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में नल कनेक्शन देने के मामले में राजस्थान, देश के 33 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 29वें स्थान पर है।

उन्होंने कहा कि साल 2020-21 में राजस्थान सरकार को नल लगाने के लिए 2522 करोड़ रुपए का आवंटन किया था, जिसमें से केवल 630 करोड़ रुपए ही खर्च किए। क्यों? गहलोत सरकार असंवेदनशील है। वह केंद्र की योजनाओं से दूरी बनाती है। चाहे लाखों लोग मुसीबत में हों, उनकी जान जोखिम में हो, उन्हें परवाह नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस साल 2021- 22 में राजस्थान को पिछले वर्ष से चार गुना अधिक 10,180.50 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार का संपूर्ण प्रयास है कि जल्द से जल्द मरुभूमि के कोने-कोने तक पाइप लाइन का जाल बिछे और हर राजस्थानी के घर में नल से पर्याप्त जल प्राप्त हो।

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