एमईएस में नौकरी का झांसा देकर 1.67 करोड़ की ठगी
-जोधपुर में भोपालगढ़ कस्बे के 17 युवकों को उत्तरप्रदेश की गैंग ने लिया झांसे में,केस दर्ज
जोधपुर,बेरोजगारी से परेशान युवक ठगों के जाल में फंसते जा रहे हैं। जोधपुर के भोपालगढ़ कस्बे के रहने वाले 17 युवक एक साथ जालसाजों के चक्कर में पड़ गए। मिलिट्री इंजीनियरिंग में सर्विस के नाम पर उनसे 1.67 करोड़ की ठगी कर ली गई। न तो नौकरी लगी और न ही रकम वापिस मिल पाई। पीडि़तों ने संयुक्त रिपोर्ट पर उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज करवाया है। गैंग उत्तर प्रदेश के प्रतापनगर की रहने वाली है। फिलहाल पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है,जिसमें जांच आरंभ की गई है। हालांकि आरोपियों ने रिटर्न के तौर पर 50 लाख के चेक भी दिया था जो अनादरित हो गया।
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उदयमंदिर पुलिस थाने में भोपालगढ़ के नायला हाल मिनी मार्केट शिकारगढ़ निवासी सुनील नायल पुत्र भींयाराम चौधरी की ओर से अपने 16 अन्य दोस्तों के नाम पर एक संयुक्त रिपोर्ट दी गई है। इसमें बताया कि उसने साल 2021 में भोपालगढ़ में कोचिंग सेंटर एवं फिटनेस सेंटर शुरू किया था। बाद में उसकी आधार कार्ड के नंबर के आधार पर उत्तरप्रदेश के प्रतापनगर निवासी वरूण कुमार शुक्ला से संपर्क हुआ था। तब वरूण ने बताया कि उसकी मिल्ट्री इंजीनियरिंग में अच्छी जान पहचान है। वह बादल ग्रुप नाम से कारोबार करता है। वह उसकी मिल्ट्री इंजीनियरिंग में नौकरी लगवा सकता है। इसके लिए 11 लाख रुपए लगेंगे। इस पर पीडि़त सुनील नायल ने भोपालगढ़ के अपने कुछ दोस्तों जिनमें रजलानी निवासी योगेंद्रसिंह, मनीष, रमेश जाखड़, कलावास के रामचंद्र, ओस्तरा के सुनील, नांदिया बावड़ी के प्रकाश चौधरी सहित कुल 16 दोस्तों को भी यह बात कही। इस पर प्रत्येक व्यक्ति के 11 लाख के हिसाब से 1.67 करोड़ रुपए बने थे। तब आरोपी वरूण शुक्ला को जोधपुर में पावटा स्थित एक रेस्टारेंट में पहली बार दस लाख रुपए दिए गए। बाद में वरूण शुक्ला को 21 नवंबर 21 को उत्तरप्रदेश में 77 लाख, 23 नवंबर को कोलकाता जाकर 10 लाख, एक लाख फोन पे, 4 दिसम्बर 21 को कोलकाता में 44 लाख रुपए दिए गए। 4 दिसम्बर को इन लोगों ने वरूण कुमार शुक्ला द्वारा कोलकाता में बुलाया गया जहां पर उनकी शारीरिक जांच एवं दस्तावेजों की जांच की जानी थी। वक्त वरूण शुक्ला के साथ कुछ और लोग जिनमें नितेश रंजन,भारद्वाज,अजय,नवीन एवं राघवेंद्र सहित अन्य लोग भी थे। मगर छह माह गुजरने के बावजूद पीडि़तों के पास में कोई कॉल लेटर आदि नहीं पहुुंचा तो उनसे बात की गई। जुलाई 22 में उन पर दबाब बनाया गया तो कहा आगे प्रोसेसिंग में वक्त लग रहा है। मगर नौकरी नहीं लगते देख पीडि़तों ने अपने दिए रुपयों की डिमांड की। इस पर आरोपियों ने 13 अक्टूबर 22 को रिटर्न के तौर 50 लाख का चेक दिया था। जो बैंक मेें लगाने पर अनादरित हो गया। पुलिस मेें दर्ज करवाई एफआईआर में 17 लोगों की तरफ से धोखाधड़ी कर 1.67 करोड़ की ठगी का आरोप लगाया गया है। उदयमंदिर पुलिस इस बारे में अब पड़ताल में जुटी है।
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