जोधपुर, करीब साढ़े सात लाख रुपए के लेन-देन को लेकर उपजे विवाद में कुछ युवकों ने जालोर के आहोर थानान्तर्गत बादनवाड़ी से एक कार चालक का अपहरण किया और हत्या कर शव जोधपुर के कायलाना में आने वाली हाथी नहर में फेंक दिया। पकड़ में आए कुछ युवकों की निशानदेही से आहोर थाना पुलिस जोधपुर पहुंची और सूरसागर पुलिस की मदद से गोताखोरों की मदद से रविवार शाम शव बाहर निकलवाया।

एसीपी प्रतापनगर नीरज शर्मा ने बताया कि बाड़मेर जिले में सिवाना तहसील के कुसीप गांव निवासी महेन्द्र खान का शव कायलाना की सहायक हाथी नहर में मिला। गोताखोरों की मदद से शव निकालकर मोर्चरी भिजवाया गया। आहोर थाना पुलिस अपहरण व हत्या की जांच कर रही है। मृतक बाड़मेर का चालक है।

मृतक के भाई रमजान खान ने गत 25 मार्च को आहोर थाने में बादनवाड़ी निवासी आनंदसिंह राजपुरोहित, उसके भाई उत्तमसिंह, जोधपुर ग्रामीण में केलावा गांव निवासी अजयपालसिंह उर्फ एपी, मोकलसर निवासी सेजल जैन व नागाणा थानान्तर्गत बांदड़ा निवासी सुरेन्द्र भील के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया था।

महेन्द्र खान गत 21 मार्च को गुजरात नम्बर की कार में घर से जालोर गया था। गोदन गांव से उसने भाई रमजान को फोन कर एक घंटे में लौटने की जानकारी दी थी, लेकिन वह नहीं आया। भाई व साथी सिवाना में गांधी चौक के पास खड़े थे। तब महेन्द्र की कार दिखाई दी लेकिन उसमें महेन्द्र नहीं था।

सेजल व सुरेन्द्र भील कार ले जा रहे थे। संदेह होने पर भाई ने साथियों के साथ कार का पीछा किया। निंबलाणा गांव में टायर पंक्चर होने पर कार वहीं छोड़ दोनों पैदल ही खेतों में भागने लगे लेकिन रमजान व चार-पांच युवकों ने चार-पांच किमी पीछा कर सेजल व सुरेन्द्र को पकड़ लिया। उन्होंने आनंदसिंह, उत्तमसिंह, अजयपालसिंह के महेन्द्र का अपहरण कर सिरोही और फिर अन्य जगह ले जाने की जानकारी दी थी।

महेन्द्र खान और आरोपी आनंदसिंह व अन्य में 7.50 लाख रुपए का विवाद है। जो महेन्द्र मांगता है। घर आने पर आनंद ने कुछ दिन की मोहलत मांगी थी। फिर अजयपालसिंह भी वहां आ गया था। बातचीत के दौरान वे महेन्द्र का अपहरण कर सिरोही ले गए थे। सेजल व सुरेन्द्र का कहना है कि अपहरण के बाद वे महेन्द्र की कार लेकर सिवाना आ गए थे। दोनों को पुलिस को सौंपा गया था। आहोर थाना पुलिस ने कुछ और युवकों को पकड़ा था। पूछताछ में आरोपियों ने हत्या के बाद महेन्द्र का शव हाथी नहर में फेंकने की जानकारी दी थी।