जोधपुर, शहर में नगर निगम चुनाव में कुर्सी की लड़ाई थम गई, लेकिन अब बैठने (भवन) को लेकर जंग शुरू हो गई है। चुनाव से पहले नगर निगम उत्तर और नगर निगम दक्षिण का भवन अलग-अलग था लेकिन अब चुनाव के बाद नगर निगम उत्तर का भवन नगर निगम दक्षिण में शिफ्ट करने के आदेश को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने हो गई हैं। भाजपा जहां कांग्रेस पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है वहीं कांग्रेस आपसी तालमेल बैठाकर साथ काम करने की बात कह रही है। जोधपुर नगर निगम दक्षिण का भवन काफी बड़ा है, नगर निगम दक्षिण में भाजपा का बोर्ड है, चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भाजपा की महापौर वनिता सेठ और उनके बोर्ड ने यहां अपना कामकाज शुरू कर दिया
महज कुछ ही दिनों में नगर निगम उत्तर का कार्यालय भी दक्षिण में शिफ्ट करने का सरकारी आदेश आ गया। आदेश से फिर घमासान शुरू हो गया। भाजपा बोर्ड ने कांग्रेस सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है, नगर निगम दक्षिण की महापौर वनीता सेठ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने इस फैसले को लेकर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि जोधपुर में मुख्यमंत्री ने दो नगर निगम कर दिए, अब दो नगर निगम करने के बाद एक ही भवन में दोनों निगमों को शिफ्ट करने का क्या तुक है ? बीजेपी के आरोप पर नगर निगम उत्तर की कांग्रेस महापौर कुंती देवड़ा आपसी तालमेल बैठाकर काम करने की बात कह रही हैं। देवड़ा ने कहा कि जनता ने दोनों ही बोर्ड को विकास कार्यों को लेकर सत्ता सौंपी है, ऐसे में भवन को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम उत्तर का पुराना भवन छोटा पड़ रहा है, वहां पर पार्किंग की बड़ी परेशानी सामने आ रही थी, लिहाजा उन्होंने यूडीएच मंत्री को इस परेशानी के बारे में बताया। इस पर उन्होंने नगर निगम दक्षिण में ही दोनों ही बोर्ड के कार्यालय अलग-अलग खोलने का आदेश दिया है। देवड़ा का कहना है कि वह बीजेपी के बोर्ड के साथ तालमेल बैठाकर काम करेंगी।

अगले दो दिन में विवाद निपटने की संभावना
इन सबके बीच नगर निगम कमिश्नर रोहिताश तोमर ने इस विवाद पर इतना ही कहा कि एक दो दिन में नगर निगम दक्षिण व उत्तर के कमरों की अलग अलग व्यवस्था कर दी जाएगी। बहरहाल नगर निगम भवन को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 2 दिन के बाद यह साफ हो जाएगा उत्तर की महापौर और दक्षिण की महापौर कहां और किस कमरे में बैठेंगी।