कलेक्ट्रेट पर अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन

  • अधिवक्ता हंसराज के लिए न्याय की मांग
  • गिरफ्तारी समेत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जोधपुर, ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन (एआईएलयू) के आह्वान पर सीकर जिले की खंडेला तहसील में अधिवक्ता हंसराज मावलिया द्वारा उपखंड अधिकारी एवं थानाधिकारी के द्वारा प्रताडि़त करने के बाद आत्मदाह करने का मामले में जिला कलेक्टर कार्यालय पर आक्रोशित विरोध प्रदर्शन किया।

एआईएलयू के जिला सचिव एडवोकेट महिपाल सिंह चारण ने बताया कि अधिवक्ता हंसराज मावलिया ने न्यायिक कार्यों में उपखण्ड अधिकारी के भ्रष्ट कार्य प्रणाली के चलते आत्मदाह कर लिया एवं इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अधिवक्ता द्वारा सुसाइड नोट में उपखण्ड अधिकारी एवं थानाधिकारी पर मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का आरोप लगाया।

कलेक्ट्रेट पर अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन

पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया

अधिवक्ताओं ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर आक्रोशित हो कर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया एवं पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। मामले की निष्पक्ष जांच के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन करने, आरोपित अधिकारीयों की अविलंब गिरफ्तारी कर सेवा से बर्खास्त करने, मृतक अधिवक्ता को 1 करोड़ रूपए का मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा न्यायिक अधिकारी के रूप में खुले तौर पर भ्रष्टाचार करने वाले तंत्र को तोडऩे के लिए प्रभावी कदम उठाने एवं बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा तैयार राजस्थान एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट विधानसभा में पारित करवाकर लागू करने की मांगें रखी गई।

यह अधिवक्ता थे मौजूद

इस दौरान एडवोकेट श्याम सिंह गादेरी, एडवोकेट हंसदास कामड, एडवोकेट आकाश विजय सिंह, एडवोकेट प्रतीक चारण, एडवोकेट निर्मल कुमार, एडवोकेट पुखराज रोहिण, दीपक आचार्य, चंदशेखर जाटोलिया,एडवोकेट लक्ष्मीनारायण माथुर,एडवोकेट अजय राज लिकाला, एडवोकेट अनिल बिदान हालू, एडवोकेट प्रदीप जैन,एडवोकेट मांगीलाल देवली,एडवोकेट ज्योत्सना पटेल, गणपत इंदलिया, एडवोकेट बबली, एडवोकेट श्रवण कुमार भील एवं एडवोकेट किशन मेघवाल सहित अनेक अधिवक्ता उपस्थित थे।

मांगों को अनसुना किए जाने पर सड़क़ पर उतरने की चेतावनी

एआईएलयू ने राजस्थान सरकार को चेतावनी दी है कि यदि अधिवक्ताओं की मांगों को अनसुना किया तो राजस्थान भर का अधिवक्ता समुदाय सङक़ों पर उतरने को मजबूर होगा जिसकी जिम्मेदारी राजस्थान सरकार की होगी।

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