जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है-शेखावत

  • पूर्व कांग्रेस सरकार योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरी तरह से फेल रही
  • सर्किट हाउस में आमजन की समस्याएं सुनने के बाद मीडिया से रूबरू हुए केंद्रीय मंत्री
  • कांग्रेस सरकार ने केवल वादे किए
  • जनता की समस्याओं के निस्तारण के लिए धरातल पर नहीं किया काम

जोधपुर,जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है-शेखावत। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रविवार को जोधपुर सर्किट हाउस में मीडिया से बात कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरी तरह से फेल रही। चाहे जल जीवन मिशन हो या फिर हर घर बिजली पहुंचाने का विषय हो,सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में कांग्रेस सरकार पूरी तरह से नाकाम रही।

शेखावत ने कहा कांग्रेस सरकार ने पांच साल के दौरान केवल वादे ही किए लेकिन जनता से जुड़ी समस्याओं के निस्तारण के लिए धरातल पर कोई काम नहीं किया। सड़क,बिजली और चिकित्सा से जुड़ी समस्याएं बढ़ती रही। उन्होंने कहा कांग्रेस की इन्हीं नाकामियों की वजह से प्रदेश की जनता ने बीजेपी को मौका दिया है और जनता को इस डबल इंजन की सरकार से अपेक्षाएं हैं। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

राहुल गांधी द्वारा ईडी की छपेमारी से संबंधित ट्वीट पर शेखावत ने कहा, सवाल सिर्फ राहुल गांधी का नहीं है, चोर की दाढ़ी में तिनका है। उन्होंने लोकतंत्र की व्यवस्था के तहत छात्रसंघ चुनाव को जरूरी बताया। उन्होंने कहा मैं भी उसी मार्ग से आता हूं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर रविंद्र सिंह भाटी तक पूरी लंबी श्रृंखला है। कितने ही ऐसे लोग हैं, जिन्होंने इस पाठशाला से सीख करके लोकतंत्र की इस व्यवस्था में अपनी भागीदारी निभाई है। इसलिए राजस्थान सरकार व मुख्यमंत्री से
मेरा आग्रह रहेगा कि निश्चित ही छात्र संघ चुनाव समय पर कराए जाने चाहिए। छात्रों को भी व्यवस्था के सुचारू संचालन में सहयोग करना चाहिए, जिससे छात्रसंघ चुनाव समय पर होते रहें।

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उन्होंने कहा जनता की समस्याओं के निस्तारण के संबंध अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। पिछली बार भी निर्देश दिए गए थे। अगर 20 लाख से ज्यादा मतदाता लगातार तीन बार चयन करें और आपको प्रतिनिधि चुनें तो निश्चित ही लोगों की अपेक्षाएं कुछ ज्यादा रहती हैं। इसलिए यह मेरी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि मैं उन लोगों के लिए काम करूं। इसे पूर्व उन्होंने सर्किट हाउस में लोगों की समस्याएं सुनी और उनके निराकरण का आश्वासन दिया।

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