केन्द्रीय कारागृह में राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस आयोजित

  • बंदियों से किया संवाद
  • व्यवस्थाओं की ली जानकारी

जोधपुर,केन्द्रीय कारागृह में राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस आयोजित।राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर जिला अध्यक्ष एवं सत्र न्यायाधीश जोधपुर जिला विक्रान्त गुप्ता के निर्देशानुसार गुरुवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर जिला की सचिव पूर्णिमा गौड़ के द्वारा गुरुवार को केन्द्रीय कारागृह का साप्ताहिक निरीक्षण कर बंदियों को विधिक सेवा दिवस पर कानूनी जानकारी दी गई।इस दौरान सचिव गौड़ ने बंदियों से संवाद कर कारागृह की भोजन पानी आदि व्यवस्थाओं की जानकारी ली।इस दौरान उन्होंने विचाराधीन बंदियों तथा सजायाफ्ता बंदियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी अपील,पेरोल, निःशुल्क विधिक सहायता,भोजन, चिकित्सा आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने जेल में कैदियों के पास पैरवी करने के लिए अधिवक्ता उपलब्ध नहीं होने पर उन्हें विधिक सहायता के बारे में जानकारी दी और जेलर को निर्देश दिए कि अगर किसी बंदी का कोई अधिवक्ता नहीं हो तो उसका विधिक सहायता का आवेदन भरवाकर सम्बंधित को भेजें ताकि उसको विधिक सहायता के तहत निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करवाया जा सके।

यह भी पढ़ें – एमडीएमएच में लीवर के बिलियरी सिस्ट एडिनोमा की जटिल सर्जरी

विधिक सेवा दिवस के बारे में दी जानकारी
विधिक सेवा दिवस के अवसर पर सचिव गौड़ ने सभी बंदियों को बताया कि सभी नागरिकों के लिए उचित निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से गुरुवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस की शुरुआत 1995 में हुई थी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नालसा नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अंतर्गत देश में कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सेवा देने के लिए और विवादों के समाधान के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया गया था। संविधान के अनुच्छेद 39 अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिए समाज के गरीब एवं कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सेवा उपलब्ध करवाने का प्रावधान रखता है। उन्होंने बताया कि सुपात्र लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता देना, विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए लोक अदालतों का संचालन करना। महिलाएं एवं बच्चे,अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति के सदस्य, औद्योगिक श्रमिक,बड़ी आपदाओं जैसे हिंसा,बाढ़,सूखे,भूकंप एवं औद्योगिक आपदाओं आदि के शिकार लोग,विकलांग लोग हिरासत में रखे गए लोग ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय ₹3,00,000/- से अधिक नहीं है,बेगार या अवैध मानव तस्करी या व्यापार के शिकार लोग मुफ्त कानूनी सहायता पाने के लिए पात्र हैं। इस मौके पर जेल अधीक्षक राजपाल सिंह,कारापाल महेश शर्मा,कारापाल तुलछीराम के अलावा कई जेल कर्मी, बंदीयों तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर से महेंद्र राजपुरोहित भी मौजूद थे।

दूरदृष्टि न्यूज़ की एप्लीकेशन यहाँ से इनस्टॉल कीजिए – https://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews