Doordrishti News Logo

सैनिक स्कूल झुंझुनूं आना मेरे लिए यादगार अनुभव-उपराष्ट्रपति

  • उपराष्ट्रपति ने सैनिक स्कूल झुंझुनूं में विद्यार्थियों से संवाद कर प्रेरित किया
  • फेल होने का डर आपकी ताकत को कम करता है
  • राष्ट्र विकास के महायज्ञ में आहुति दें युवा
  • 2047 में भारत को नंबर वन बनाने के लिए कार्य करें
  • भारत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है
  • भारतीय होना गर्व का विषय है
  • शिवशक्ति और तिरंगा की छाप चन्द्रमा पर पहुँच चुकी है
  • उपराष्ट्रपति ने लोहार्गल सूर्य मंदिर और रानी शक्ति मंदिर में की पूजा अर्चना

झुंझुनूं,सैनिक स्कूल झुंझुनूं आना मेरे लिए यादगार अनुभव-उपराष्ट्रपति। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं डॉ.सुदेश धनखड़ आज अपनी एक दिवसीय राजस्थान यात्रा पर झुंझुनूं पहुंचे। अपने गृह जनपद पहुंचकर उपराष्ट्रपति ने प्रसिद्ध सूर्य मंदिर लोहार्गल और रानी शक्ति मंदिर में पूजा अर्चना की एवं राष्ट्र की संपन्नता और खुशहाली के लिए प्रार्थना की। इसके पश्चात धनखड़ सैनिक स्कूल झुंझुनूं पहुंचे और वहां छात्रों एंव शिक्षकों से मुलाकात की। छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि फेल होने का डर आपकी ताकत को कम करता है, इसलिए असफलता का भय नहीं रखें। आप जिस भी क्षेत्र में अभिरुचि रखते हैं,उसमें खुल कर आगे बढ़ें। अपने छात्र जीवन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वे सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम आते थे, ऐसे में उन्हें डर लगने लगा था कि यदि वे प्रथम नहीं आए,तो क्या होगा?आज सोचते हैं कि प्रथम नहीं आकर दूसरे, तीसरे चौथे स्थान पर भी रहते,तो भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ता,बल्कि वे अन्य को-करिकुलर गतिविधियों में ज्यादा भाग ले पाते।

यह भी पढ़िए- राजस्थान में लागू नहीं हुई केंद्र सरकार की कई योजनाएं-भोलासिंह

स्वयं सैनिक स्कूल का पूर्व छात्र होने के नाते उन्होंने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि सैनिक स्कूल झुंझुनूं की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उपस्थित छात्रों को आमंत्रित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे उन्हें नये संसद भवन और राज्यसभा की कार्यवाही दिखाने के लिए दिल्ली बुलाएंगे। धनखड़ ने विद्यार्थियों से कहा कि आप देश का भविष्य हैं। सैनिक स्कूल से जो भी विद्यार्थी निकलता है,वो चाहे किसी भी क्षेत्र में जाए, अच्छा ही करता है।

जब पहली बार सैनिक स्कूल में प्रवेश लिया था
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज झुंझुनूं सैनिक स्कूल में आने पर उन्हें वो दिन याद आ गया है जब वे पहली बार सैनिक स्कूल में बतौर विद्यार्थी गए थे। उन्होंने कहा कि वे एक गांव से निकलकर पहली बार शहर गए थे और सैनिक स्कूल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ने उनके जीवन की नींव रखी। उन्होंने विद्यार्थियों को सैनिक स्कूल के कैडेट होने की बधाई देते हुए कहा कि आप भाग्यशाली हैं।

हर 6 महीने में स्कूल की प्रगति में नया आयाम मिलेगा
धनखड़ ने कहा कि मैं वादा करता हूं कि झुंझनूं सैनिक स्कूल की प्रगति में हर 6 महीने में नया आयाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि झुंझुनूं जिले ने सैन्य बलों को बड़ा योगदान दिया है और राष्ट्र के लिए बलिदान भी दिया है। उपराष्ट्रपति ने चंद्रयान अभियान की सफलता का जिक्र करते हुए कहा “क्या कभी सोचा था कि भारत ऐसा इतिहास रचेगा? हम चंद्रमा पर पहुंचने वाले चार देशों में शामिल हैं और दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले एक मात्र देश हैं। ‘शिवशक्ति’ और ‘तिरंगा’ की छाप चन्द्रमा पर पहुँच चुकी है।

इसे भी पढ़िए- राज्यपाल कलराज मिश्र पहुंचे जोधपुर

देश की वैश्विक स्तर पर प्रगति का जिक्र करते हुए उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वर्ष 2047 तक भारत को विश्व का सिरमौर बनाने का संकल्प लें।धनखड़ ने छात्रों से कहा कि आप भाग्यशाली हैं कि ऐसे समय में हैं जब भारत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा और आपको ऐसा माहौल मिल रहा है जहाँ भारतीय होना दुनियां में गर्व का विषय है।इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने सैनिक स्कूल परिसर में व्यायामशाला,खरीददारी केंद्र, आगंतुक अतिथि गृह, बालिका छात्रावास,एकीकृत खेल प्रांगण, बहुउद्देश्यीय हॉल आदि के भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। उन्होंने इस दौरान पौधारोपण भी किया। झुंझुनूं में अपने कार्यक्रमों के बाद उप राष्ट्रपति जयपुर के लिए रवाना हो गए जहाँ वे राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूम में भाग लेंगे।

दूरदृष्टिन्यूज़ की एप्लिकेशन यहां से इंस्टॉल कीजिए http://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews