दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव संपन्न
जोधपुर,राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर,अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा जोधपुर व राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय किसान कन्या के तत्वाधान में राज्य स्तरीय कला उत्सव समारोह का समापन राज्य मंत्री पशुधन विकास बोर्ड अध्यक्ष राजेन्द्र सोलंकी के मुख्य आतिथ्य,जोधपुर शहर विधायक मनीषा पंवार की अध्यक्षता, जोधपुर शहर जिला कांग्रेस दक्षिण नरेश जोशी,शिक्षा परिषद एएसपीडी अनिल पालीवाल,संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा जोधपुर संभाग प्रेमचंद सांखला की उपस्थिति में दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव संपन्न हुआ।
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मुख्य अतिथि पशुधन विकास बोर्ड अध्यक्ष राजेन्द्र सोलंकी ने कहा कि मैं आज बहुत अभिभूत हुआ कि बच्चों ने अपनी कला के हुनर से विभिन्न क्षेत्रों की शैली को अपने कोमल हाथों से बहुत ही सुन्दर तैयार कर उसका प्रभावी प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि कला उत्सव समारोह में बालिकाओं की ओर से अलग-अलग जिलों की विभिन्न शैलियों के एकल अभिनय में वर्तमान परिपेक्ष्य में महिला सशक्तिकरण पर केन्द्रित, माता-पिता के बुढ़ापे में वृद्धावस्था की व्यथा और किन्नरों की समाज में स्थिति का जो भावपूर्ण प्रस्तुतीकरण पेश किया, यहां मौजूद सभी के लिए एक सोचनीय बिन्दु है। शहर विधायक मनीषा पंवार ने कहा कि राज्य स्तर पर सफल रहे प्रतिभागी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन कर राज्य का नाम रोशन करेंगे।
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निर्णायकों में सतीश चंद्र बोहरा शास्त्रीय नृत्य व लोक नृत्य के लिए, शास्त्रीय गायन के लिए राजेन्द्र वैष्णव अजय पुरोहित,दिनेश कुमार,लोक गायन के लिए कालूराम प्रजापत, नाट्य विधाओं के लिए डॉ.विकास, मज़ाहिर सुल्तान ज़ई,भरत वैष्णव, गौरी अरोड़ा,डोली मेहता,पप्पू , संगीता परिहार,चंचल गहलोत, भगवती गहलोत,अलका कवीराज, हेमकंवर,सारिका गहलोत,रिंकू,वाद्य यंत्र के लिए गणपत जोशी,विमल कंवर व तारा गहलोत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राज्य स्तरीय कला उत्सव में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागियों का मोतियों की माला, प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया। समारोह में स्थानीय बालिकाओं की सांस्कृतिक प्रस्तुति पायल सांखला के निर्देशन में दी गई। राज्य के अलग- अलग जिलों से प्रस्तुति देने आए बालिका वर्ग और बालक वर्ग को पुरस्कृत किया गया।
संगीत गायन शास्त्रीय,पारंपरिक लोक गायन,संगीत वादन, अवनध्द वाद्य (तबला ढोलक पखावज), स्वर वाद्य (सितार,सारंगी,हारमोनियम इत्यादि) शास्त्रीय नृत्य(कथक भरतनाट्यम कथककली मोहिनीअट्टम इत्यादि) नृत्य,पारंपरिक लोक नृत्य (तेरहताली,भवाई,रानी हार्डी, कालबेलिया इत्यादि)दृश्य कला(द्वि आयामी) दृश्य कला( त्रिआयामी) स्थानीय खिलौने एवं खेल,नाटक (एकल अभिनय) इन सभी 10 कलाओं में राज्य के विभिन्न जिलों के कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी और विजेताओं ने अपनी दक्षता राष्ट्रीय स्तर पर जाने के लिए दर्शाए।
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