टॉप टेन का जालसाज कोटा पुलिस के सहयोग से पकड़ा

  • फर्जी रजिस्ट्रियां करवा लोगों से रूपए लेकर एक जिले से दूसरे जिले में भाग जाता
  • कभी वकील तो कभी पुलिस वाला बनकर मिलता

जोधपुर, शहर की खांडाफलसा पुलिस ने जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री करवाने के नाम पर लोगों से रूपए ऐंठ कर फरार होले वाले टॉप टेन बदमाशों में शुमार एक जालसाज को गिरफ्तार किया है। उसे पुलिस की टीम ने कोटा शहर की विज्ञान नगर पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया है। जोधपुर, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़ में तकरीबन दस प्रकरण जालसाजी के दर्ज हो रखे हैं। पकड़ा गया आरोपी अब तक कई लोगों से लाखों की ठगी कर चुका है। शहर में वह स्थाई वारंटी था। वह लोगों से कभी पुलिस वाला बनकर मिलता तो कभी वकील बनकर फर्जी रजिस्ट्रियां या पट्टे जारी करवाने के नाम पर रूपए लेता था। जबकि हकीकत में वह खुद ही षडयंत्र रचकर यह सब करता था। खांडा फलसा पुलिस ने अपने एक प्रकरण में उसे गिरफ्तार किया है।

डीसीपी पूर्व भुवन भूषण यादव ने बताया कि जमीनों के मामलों में पुलिस मुख्यालय के आदेश पर बदमाशों की धरपकड़ चल रही है। इसी क्रम में खांडा फलसा थाने में सदर कोतवाली थाना क्षेत्र की रहने वाली कुसुम जैन की तरफ से एक रिपोर्ट खांडाफलसा थाने में धोखाधड़ी की दर्ज करवाई गई थी। उसके अनुसार एक व्यक्ति जो खुद को पुलिस अधिकारी बताता था। उसने खुद का नाम नंदकिशोर बताया और जमीन को बेचा। इस जमीन के लिए एक रजिस्ट्री भी दी मगर वो फर्जी निकली। रूपए ऐंठ कर फरार हो गया। नंदकिशोर की धरपकड़ के लिए पुलिस की टीम का गठन एसीपी केंद्रीय देरावर सिंह के सुपरविजन में किया गया। इसमें थानाधिकारी सुनील चारण, एएसआई पप्पूसिंह एवं सुनील विश्रोई को शामिल किया गया।

थानाधिकारी चारण ने बताया कि जांच पड़ताल में सामने आया कि आरोपी अभी कोटा शहर में रह रहा है। इस पर कोटा विज्ञान नगर थानाधिकारी महेशसिंह सांदू के साथ कांस्टेबल रविकुमार एवं साइबर सैल जमशेद का सहयोग लिया गया। तब पुलिस ने वहां पर कोटा शहर के दादाबाड़ी से धनकिशोर उर्फ नंदकिशोर पुत्र कंचन कुमार को गिरफ्तार कर लाया गया। वह मूल रूप से जोधपुर शहर के बासनी बेंदा स्थित आदित्य द्वारकाधीश हेरिटेज का रहने वाला है।

थानाधिकारी ने बताया कि उसके खिलाफ धोखाधड़ी के दस से ज्यादा प्रकरण दर्ज है। खांडाफलसा में दो, प्रतापनगर में एक होने के साथ कोटा, भीलवाड़ा एवं झालावाड़ में भी केस दर्ज हैं। वह लोगों से मिलकर कभी खुद को पुलिस वाला बताता तो कभी वकील बनकर पेश आता था। फिर एक ही जमीन को बार बार बेचकर फर्जी रजिस्ट्रियां खुद सत्यापित कर बेचता था। रूपए ऐंठ कर एक जिले से दूसरे जिले में भाग जाता था। वह टॉप टेन स्थाई वारंटी में शामिल है।

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