‘रेड अलर्ट जनअनुशासन पखवाड़ा’ में आमजन की समझदारी और सरकार की सख्ती से संक्रमितों की संख्या में आ रही कमी
जयपुर, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है प्रदेश भर में चल रहे ‘रेड अलर्ट जनअनुशासन पखवाड़ा‘ के दौरान आमजन द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल की कड़ाई से पालना व सरकार द्वारा की जाने वाले सख्ती का नतीजा यह है कि पिछले दो दिनों से संक्रमितों की तादात में थोड़ी गिरावट दिखने लगी है। उन्होंने कहा कि यदि आमजन स्वप्रेरणा से पूर्ण अनुशासित होकर बेवजह घरों से बाहर नहीं निकले और सहयोग करे तो संक्रमण की चेन तोड़ना बेहद आसान हो जाएगा।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि ‘रेड अलर्ट जनअनुशासन पखवाड़ा‘ के तहत जारी निर्देशों के अनुसार बेवजह घूमने वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर्स में भेजने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि कड़े फैसले लेना सरकार को सुहाता नहीं है लेकिन जनता की सुरक्षा के लिए ऐसा करना मजबूरी है। उन्होंने कहा कि संक्रमितों की संख्या में हालांकि बढ़ोतरी हो रही है लेकिन सुकून की बात यह भी है कि प्रतिदिन 12-15 हजार लोग पॉजिटिव से नेगेटिव भी होकर घर जा रहे हैं। मृत्यु दर भी 0.7 से 1 है, जो कि नियंत्रित है व अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं कम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में होने वाली प्रतिदिन मौतें हालांकि चिंतनीय है लेकिन इसे केवल अनुशासन से ही रोका जा सकता है।
लापरवाही बरती तो कम पड़ सकते हैं संसाधन
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विभाग और सरकार पूर्ण सतर्क और सजगता के साथ काम कर रही है। प्रदेश में पर्याप्त ऑक्सीजन और रेमडेसिविर, टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि मौजूद संसाधनों के साथ सभी व्यवस्थाओं को मजबूत किया जा रहा है लेकिन यदि इसी तरह लोग लापरवाही बरतते रहे और संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी होती रही तो कितने भी संसाधन हो कम पड़ जाएंगे।
अलॉटेड ऑक्सीजन को प्रदेश तक लाने के युद्ध स्तर पर प्रयास
डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को मौजूदा जरूरत से करीब 200 मेट्रिक टन ऑक्सीजन कम मिल रही है। उन्होंने कहा कि जो अलॉटमेंट भी हुआ है, वह भी दूर-दराज से हुआ, जिसके आने में काफी समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई जल्द से प्रदेश तक पहुंचे इसके लिए सरकार रेल और एयरफोर्स से लगातार संपर्क में है। सरकार द्वारा टैंकरों की भी व्यवस्था की जा रही है, ताकि अलोटेड आक्सीजन प्रदेश को मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट, लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने जैसे हर विषय पर युद्ध स्तर पर काम कर रही है।
10 मई तक मिल सकेंगे प्रदेश को ऑक्सीजन कंस्टट्रेटर
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सरकार ऑक्सीजन कंस्टट्रेटर की खरीद के प्रयास कर रही है। कुछ कंस्टट्रेटर 10 मई तक प्रदेश में आ जाएंगे तो कुछ महीने के अंत तक पहुंच पाएंगे। उन्होंने कहा कि एक कंस्टट्रेटर 5 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन करता है तो दो मरीजों के लिए मददगार साबित होगा और ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी के चलते ही कुछ अस्पतालों में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
किसी भी लहर से बचने के लिए सरकार कर रही तैयारी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में जो हमें चुनौतियां मिली है, उसे हम सकारात्मक सोच के साथ आगे की तैयारी कर रहे हैं। रेमडेसिविर, टोसिलीजुमैब जैसे इंजेक्शनों का राज्य में उत्पादन करने, व्यापक स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन की योजना पर सरकार काम कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी या चौथी लहर भी आ सकती है तो राज्य सरकार इसके लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने की पूरी तैयारी कर रही है।
वैक्सीनेशन की पर्याप्त डोज के साथ प्रदेश भर में वैक्सीनेशन
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि 18 से 44 वर्ष की वैक्सीनेशन पर प्रारंभ से ही संशय रहा कि इस पर होने वाले खर्च को कौन वहन करेगा। आजादी के बाद जितने भी टीकाकरण अभियान चले हैं, उनमें सारा खर्चा केंद्र सरकार द्वारा वहन किया गया है। केंद्र द्वारा टीकाकरण का सारा भार डालने के बाद भी मुख्यमंत्री ने राज्य की युवा पीढ़ी की सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन का खर्चा सरकार द्वारा उठाना सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की डोज तो केंद्र सरकार को ही देनी है। 18 से 44 वर्ष के प्रदेश में करीब 3.25 करोड़ लोग हैं, ऐसे में दोनो डोज और वेस्टेज को मिलाकर करीब 7 करोड़ राज्य को चाहिए। हमें पर्याप्त मात्रा में डोज नहीं मिल रहे। यही वजह रही कि वैक्सीनेशन को कुछ जिलों तक ही सीमित रखना पड़ा है। केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में डोज मिलते ही संपूर्ण प्रदेश में वैक्सीनेशन का कार्य व्यापक तौर पर चलाया जाएगा।