पांच दिवसीय संस्कृत सम्भाषण सर्टिफिकेट ट्रेनिंग संपन्न

  • संस्कृत भारती व आयुर्वेद विवि के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम

जोधपुर(डीडीन्यूज),पांच दिवसीय संस्कृत सम्भाषण सर्टिफिकेट ट्रेनिंग संपन्न। संस्कृत भारती जोधपुर प्रान्त व आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में कंटीन्युअस लर्निंग फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत पाँचदिवसीय संस्कृत सम्भाषण सर्टिफिकेट ट्रेनिंग प्रोग्राम समापन समारोह के साथ संपन्न हो गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संस्कृत भारती के कमल शर्मा ने अपने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी है बल्कि यह भारत को अखण्ड और समृद्ध बनाने का एक सशक्त माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को सरल और संवाद की भाषा के रूप में अपनाने की आवश्यकता है ताकि यह जन-जन तक पहुँच सके। अध्यक्षीय वक्तव्य में तुलसीदास शमी ने संस्कृत के माध्यम से जीवन के मूल लक्ष्यों अभ्युदय और नि:श्रेयस की प्राप्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने संस्कृत को केवल एक भाषा नहीं बल्कि भारतीय ज्ञान, विज्ञान और आयुर्वेद की मूलधारा बताया।

जोधपुर: एम्स के स्वास्थ्य कर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण का शुभारंभ

प्रान्त सम्पर्क प्रमुख सवाई सिंह राजपुरोहित,प्रान्त विद्यालय प्रमुख मूलाराम विश्नोई,जोधपुर महानगर मंत्री सुधीरनाथ तथा प्रोफ़ेसर (वैद्य)गोविन्द सहाय शुक्ला ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की आत्मा संस्कृत में ही समाहित है और आयुर्वेद की मूल भाषा भी संस्कृत है।

कार्यक्रम में प्रो.महेन्द्र शर्मा,प्रो. गोविन्द गुप्ता,प्रो.ऋतु कपूर,डॉ. संकल्प शर्मा, सतीश ठाकुर सहित अनेक शिक्षाविदों,विद्यार्थियों एवं संस्कृतप्रेमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य संस्कृत भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना,शिक्षकों में भाषा की व्यावहारिक दक्षता विकसित करना एवं भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ना था।