भारत विकासशील से विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर

लेखक-सीए योगेश बिड़ला

जोधपुर,भारत विकासशील से विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर। हर तरफ से एक ही आवाज आ रही है कि हमारा भारत विकासशील से विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। अर्थव्यवस्था के दो अंग होते हैं,अर्थ + व्यवस्था। पुरातन भारत अर्थ में बहुत मजबूत है,लेकिन उसको व्यवस्थित करने के लिए लगातार वैश्विक नीतियों की जरूरत है और सरकार लगातार इस पर कार्य कर भी रही है। प्रतिवर्ष फरवरी में वित्तीय बजट लाने के साथ ही उस वर्ष के कर प्रावधानों, मौद्रिक नीतियों,उद्योगों के लिए सुविधाओं,इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के प्रावधान,आम आदमी के कर एवं बचत प्रावधान,देश का आय-व्यय का लेखा प्रस्तुत करती है।

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आज पूरा विश्व भारत देश की ओर देख रहा है,और भारत सरकार के बजट प्रावधानों का इंतजार करता है। बजट का सीधा असर स्टॉक मार्केट के माध्यम से देखा जा सकता है एवं इसके दूरगामी परिणामों का अंदाजा विभिन्न सेक्टर के उद्योगों को मिलने वाले प्रोत्साहन एवं उनके शेयर के भावों के बढ़ने या घटने से लगाया जा सकता है।

राजस्थान की समृद्धि का एक नया इतिहास पिछले 12 वर्षों से धीरे- धीरे लिखा जाने लगा है। जब से पश्चिमी राजस्थान में पहली बार क्रूड मिला,पवन चक्कियों से ऊर्जा बननी शुरू हुई,सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगने लगे और अन्ततः करीब एक लाख करोड़ के निवेश वाली रिफाइनरी भी अब मूर्त रूप लेने लगी है। राजस्थान के दूसरे हिस्सों में उदयपुर में विदेशी एवं देशी पर्यटन बहुत बढ़ रहा है, डेस्टिनेशन विवाह प्रोजेक्ट आ रहे हैं, कोटा एक बड़ा एजुकेशन हब बन चुका है,बीकानेर बहुत बड़े फूड इंडस्ट्री के रूप में उभर रहा है, जयपुर राजधानी होने के साथ-साथ हर तरह की गतिविधियों का बड़ा केंद्र बन गया है और जोधपुर भी बड़ा एक्सपोर्ट हब, टेक्सटाइल हब आदि के रूप में जाना जाने लगा है। ऐसे में प्रश्न ये उभरकर आता है कि क्या केंद्र सरकार का बजट इन सभी व्यवसायों एवं उद्योगों को इनके विकास के लिए सब आशाएं पूरी कर पा रहा है?

अभी जिस गति से राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट हुआ,लाखों करोड़ के एग्रीमेंट हुए है तो,इस बार बजट 2025 के मुख्य बिंदुओं पर नजर डालने के साथ ही हम देखेंगे कि हमारे राजस्थान के भविष्य पर इस बजट का क्या असर पड़ेगा।

बजट-2025 में सरकार के विजन के अनुरूप इसमें सभी वर्गों एवं सेक्टर्स के लिए रिफॉर्म्स का मिश्रण देखने को मिला है। सरकार ने उद्योगों के इनोवेशन को बढ़ाने के लिए 10,000 करोड़ का बजट दिया है। एमएसएमई उद्योगों के वर्गीकरण की लिमिट को बढ़ाया है। स्टार्टअप एवं सूक्ष्म उद्योगों को क्रेडिट गारंटी लिमिट को बढ़ाया है। मेडिकल शिक्षा के लिए 10,000 नई सीटों की घोषणा की है। पावर सेक्टर एवं माइनिंग सेक्टर में मेजर रिफॉर्म्स की घोषणा की है। व्यक्तिगत कर ढांचे में बहुत परिवर्तन किया है। वरिष्ठ नागरिकों को काफी राहत देने के साथ ही बहुत से परिवर्तन किए गए है।

यदि हम अपना फोकस राजस्थान के उद्योग एवं व्यवसाय पर रखकर इस बजट का विश्लेषण करें तो हमें महसूस होगा कि महत्वपूर्ण रिफॉर्म्स माइनिंग एवं रिन्यूएबल पावर एवं एक्सपोर्ट में हुए हैं,जो सीधे ही राजस्थान के औद्योगिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं।पावर रिफॉर्म्स में अभी तक राजस्थान में सोलर एनर्जी,विंड एनर्जी आदि के प्रोजेक्ट लगाकर बिजली का उत्पादन हो रहा है लेकिन इस बिजली के वितरण के लिए पावर ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी सदैव महसूस होती थी। ऐसे में बजट 2025 में इस पर ध्यान देकर इंटर स्टेट पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूत करने पर बहुत जोर दिया है।

केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को 50 वर्ष के लिए बिना ब्याज पर 1.5 लाख करोड़ के ऋण उपलब्ध करवाने का भरोसा दिया है, जिससे बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होगा एवं राज्य में नए पावर प्रोजेक्ट्स से सस्ती बिजली का उत्पादन एवं वितरण का माहौल बनेगा। सोलर एवं रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में जब भी नए प्रोजेक्ट लगते हैं तो वो प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार को आने वाले 25 वर्षों के लिए बहुत बड़ा देते हैं। सोलर एवं विंडमिल के उपकरण बनाने को प्रोत्साहन की घोषणाएं राजस्थान के सोलर एनर्जी क्षेत्र में बड़े निवेश को आमंत्रित करेगी। अतः सरकारी बजट का यह प्रावधान प्रशंसनीय समझा जा सकता है।

अगला रिफॉर्म माइनिंग सेक्टर के डेवलपमेंट का है,जो राजस्थान के लिए बहुत मोटिवेशनल है। चूंकि राजस्थान में सभी तरह का खनन होता है एवं माइनिंग से प्रोडक्ट्स बनाने के बड़े बड़े उद्योग लगे हुए हैं, तो माइनिंग सेक्टर के रिफॉर्म्स से राजस्थान में लंबी अवधि के निवेश के नए रस्ते खुलेंगे।

इसके अलावा यहां से हैंडीक्राफ्ट, स्टोन,मार्बल,इंजीनियरिंग,एग्रो प्रॉडक्टस का काफी एक्सपोर्ट होता है। ऐसे में सरकार द्वारा बजट में भारत ट्रेड नेट इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना की घोषणा प्रोत्साहन देने वाली है। इससे सभी एक्सपोर्ट डॉक्यूमेंट्स विश्व की बेहतरीन तकनीक से जुड़ जाएंगे। इससे शिपमेन्ट की लेटेस्ट रिपोर्ट, एक्सपोर्टर,बैंक एवं बायर्स तक रियल टाइम में दिखेगी। अब एक्सपोर्टर अपने शिपमेंट डॉक्यूमेंट पर बैंक से आसानी से फंडिंग रेगुलेट करवा सकेंगे एवं विश्वभर के बायर्स को सही समय पर सेवाएं दे सकेंगे।

इस तरह के सुधारों को भविष्य के विकास के लिए अग्रिम तकनीकी कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। सरकार ने टीयर-2 शहरों में ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स स्थापित करने की घोषणा की है ताकि विश्व की लेटेस्ट ट्रेंड के अनुसार उत्पादों की गुणवत्ता एवं क्षमता विकसित की जा सकें। खराब होने वाले नाशवान उत्पादों के लिए वेयरहाउसिंग की घोषणा की गई है। फुटवियर एवं लेदर सेक्टर के लिए अच्छी घोषणाओं से भी राजस्थान को लाभ मिलेगा।

राजस्थान का बहुत बड़ा तबका सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों पर निर्भर है। बजट ने उनके वर्गीकरण की लिमिट को हर क्षेत्र में बढ़ाया है। उनके लिए क्रेडिट गारंटी कवर 5 करोड़ से बढ़ा कर 10 करोड़ एवं स्टार्टअप के लिए 10 करोड़ से बढ़ा कर 20 करोड़ कर दिया है।यहां पर्यटन भी एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है। ऐसे में बजट में 50 टॉप पर्यटन की जगहों को विशेष तौर पर विकसित करने के लिए योजना बनाने की घोषणा की है। इससे राजस्थान के पर्यटन को बढ़ाने के नए रस्ते खुलेंगे। इसके साथ ही उड़ान योजना के अंतर्गत छोटे-छोटे जगहों तक भी फ्लाइट की सुविधा का भी लाभ इस व्यवसाय को मिलेगा। होम स्टे मालिकों के लिए भी मुद्रा योजना की घोषणा की गई है।

टैक्स रिफॉर्म्स के तहत भी काफी बदलाव किए हैं। पर्सनल इनकम टैक्स में बड़ा सुधार करते हुए अब 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा एवं वेतन से होने वाली 12.75 लाख की आय तक कोई कर नहीं लगेगा। इससे लोगों के कर की बचत होगी। स्टॉक मार्केट पर इस बजट का प्रभाव देखें तो लगता है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर व पावर सेक्टर, कंज्यूमर सेक्टर आदि में बढ़ोतरी होगी। टेक्नोलॉजी शेयर्स में अच्छी गतिविधियों की भी खबर मिलने की संभावना है।वित्त बजट का कर दाताओं,उद्योगों एवं आमजनों के लिए सकारात्मक आना,भारतवर्ष के भविष्य के लिए बहुत ही उत्तम दिशा निर्देश है कि हम वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की सही दिशा की ओर अग्रसर हैं।

लेखक बिरला डब्लूपी मैनेजमेंट कंपनी मुंबई के निदेशक हैं