टेलीग्राम एप पर मिले संदेश से पार्ट टाइम जॉब करते हुए लुटा बैठा 42 लाख

  • शातिरों ने 50 लाख खाते में ट्रांसफर करवा दिए
    -आखिरकार पुलिस की शरण लेकर 11 लाख बच गए

जोधपुर,टेलीग्राम एप पर मिले संदेश से पार्ट टाइम जॉब करते हुए लुटा बैठा 42 लाख। शहर के एक व्यक्ति को टेलीग्राम एप्लीकेशन पर मिले संदेश पर बात करना महंगा पड़ा गया। उसे पार्ट टाइम जॉब के नाम पर संपत्तियों की रेटिंग कर देना था। शातिरों ने शुरूआत मेें उसे कमीशन भेजते रहे फिर अपने जाल मेें ऐसा फंसाया कि उससे 50 लाख रुपए ऐंठ लिए। ठगी का शिकार बनते देख उसने साइबर पोर्टल का सहारा लिया। तब उसके 11 लाख फ्रीज करवा रिफंड करवा दिए गए। चूंकि मामला साइबर क्राइम का नहीं होने पर उसे अब प्रतापनगर सदर थाने में रिपोर्ट देनी पड़ी है। पुलिस अब खाताधारकों का पता लगाने के साथ इस ठगी के प्रकरण को सुलझाने में जुटी है।

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दरअसल प्रतापनगर सदर के यूआईटी कॉलोनी निवासी संजय जैन पुत्र दौलतराज जैन के साथ यह ठगी हुई। रिपोर्ट में बताया कि वह प्राइवेट नौकरी करता है। गत वर्ष 9 दिसम्बर को उसके टेलीग्राम एप्लीकेशन ग्रुप पर शूटबायज इंटरनेशनल रियल्टी का मैसेज देखा था। तब वहां पर बात किए जाने पर किसी नरेन कुमार से बात हुई। नरेन ने बताया कि कंपनी की तरफ से संपत्तियों का विवरण दिया जाता है जिसकी उसे रेटिंग दिए जाने के साथ अच्छा कमीशन मिलेगा। इस पर उससे दस हजार रुपए मांगे गए थे। मगर उससे पहले कंपनी की तरफ से कुछ संपत्तियों की रेटिंग करने भेजा था। ऑन लाइन रेटिंग करने पर उसके खाते में शातिर ने पहले 9 दिसम्बर को ही 975 रुपए डाले। विश्वास होने पर संजय ने कंपनी में दस हजार रूपए जमा कराए। तब उसे उसी दिन 17 हजार 378 रुपए दिए गए।

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11 दिसम्बर को फिर उसे 10 हजार रुपए मिले। 12 दिसम्बर को कंपनी ने कहा कि कंपनी उसका नाम नहीं जोड़ पा रही है इसके लिए उसे 21 हजार 904 रुपए डालने होंगे। इस बीच 12 से लेकर 18 दिसम्बर के बीच में कंपनी के नाम पर तीन चार लोगों ने कॉल करते हुए खाते में 42 लाख रुपए ट्रांसफर करवा दिए। कंपनी के तौर पर कभी मिनीषा राजशेखर तो कभी राधिक आदि बात करते थे। बाद में यह लोग उससे करोड़ों पर बातें करते हुए कहा उसकी रकम वापिस मिल जाएगी इसके लिए दस लाख रुपए डालने होंगे। उसने फिर विश्वास करते उन लोगों के बताए अनुसार खाते में दस लाख ट्रांसफर कर दिए। मगर उसका कमीशन तो दूर डाली गई रकम भी नहीं मिली। उसे दो करोड़ दिए जाने का प्रलोभन दिया गया। आखिरकार संजय को ठगी का अहसास होने पर उसने साइबर पोर्टल पर बात की तो बताया गया कि मामला ठगी का है और उसके खुद के द्वारा खाते में रुपए डाले गए हैं। ऐसे में वह संबंधित थाने में केस दर्ज करवाए। फिर साइबर पोर्टल पर उसके 11 लाख रुपयों को फ्रीज करवा कर रिफंड करवाया गया। मगर संजय के साथ 42 लाख की ठगी हो गई। प्रतापनगर सदर पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच आरंभ की है। ठगों ने सारी रकम निजी बैंक खातों में ट्रांसफर करवाई थी।

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