11 लोक कलाकारों को मरुधरा गौरव सम्मान

विश्व संगीत दिवस की पूर्व संध्या पर हुआ आयोजन

जोधपुर,11 लोक कलाकारों को मरुधरा गौरव सम्मान।राजस्थान की लोक कला,संस्कृति,विरासत,संगीत के सरंक्षण और सामाजिक सरोकार निभाने वाले संगठन मरुधरा लोक कला संगीत सेवा संस्थान की ओर से विश्व संगीत दिवस की पूर्व संध्या पर 11 लोक गायको और कलाकारों का सम्मान किया गया।

रातानाडा स्थित एक होटल में आयोजित समारोह में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित करने वाले राजस्थानी लोक कलाकारों व उनके परिजन ने विशेष उत्साह के साथ भाग लिया।

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मरुधरा लोक कला संगीत व सेवा संस्थान की सचिव सुलोचना गौड़ ने बताया कि विश्व संगीत दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी से पूर्व से अब तक गायकी के क्षेत्र में राजस्थान के जिन लोक गायको ने अपनी दिलकश गायकी से राजस्थान को दुनिया भर में विशिष्ट पहचान दिलाई,उन कलाकारों को सम्मानित किया गया।

उन्होंने बताया कि समारोह के मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी थे।मरूधरा लोक कला संगीत और सेवा संस्थान की अध्यक्ष डॉ स्वाति शर्मा ने अध्यक्षता की। अंतराष्ट्रीय लोक कलाकार पद्मश्री अनवर खान और राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष संभागीय आयुक्त बीएल मेहरा विशिष्ट अतिथि थे।

समारोह में प्रसिद्ध माड़ गायिका अल्लाह जिलाई बाई,गवरी देवी, फतेह कुमारी व्यास,रामचंद्र गोयल, कृष्णा छंगाणी,बनारसी दास,माली छंवरलाल गहलोत,कालूराम प्रजापति,कुशल बारहठ,मामे खान और स्वरूप खान को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री से सम्मानित अंतराष्ट्रीय लोक कलाकार अनवर खान के सानिध्य में तैयार हुई कलाकारों की टीम को शील्ड प्रदान कर मरुधरा गौरव सम्मान से नवाजा गया। लोक गायक कालू राम प्रजापति,पदमश्री अनवर खान के अलावा मोती खान,मजीद खान और रोशन खान अपनी दिलकश गायकी का हूनर दिखाया। साहिल खान और मुकद्दर खान मोर चंग,माजीद खान भपंग,रोहन खान हरमोनियम,जस्सू खान ढोल,भूंगर खान ढोलक और जहीर खान ने खड़ताल पर संगत की।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मरुधरा लोक कला और संगीत सेवा संस्थान की अध्यक्ष डॉक्टर स्वाति शर्मा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि राजस्थान के लोक कलाकारों के संरक्षण से लेकर प्रोत्साहन और लुप्त होती कलाओं के संरक्षण के साथ- साथ सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखकर स्थापित किए गए संगठन मरुधरा लोक कला और संगीत सेवा संस्थान की ओर से पहली बार विश्व संगीत दिवस की पूर्व संध्या पर उन राजस्थानी लोक गायको को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया,जिनकी बदौलत राजस्थान की पहचान संगीत की दुनिया में बनी। जिसमें कुछ तो कलाकारों को उनके देवलोक गमन के पश्चात उनके परिवारजनों को सम्मानित किया गया। इन कलाकारों के अलावा अन्य कलाकारों के लिए भी यह संस्थान भविष्य में बेहतर प्लेटफार्म स्थापित करने का काम करेगी। लुप्त होती कलाओं के संरक्षण में भी जिम्मेदारी निभाएगी।

मुख्य अतिथि न्यायाधीश डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने विश्व संगीत दिवस की पूर्व संध्या पर इस आयोजन के लिए संस्था को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन कलाकारों की मेहनत और लगन के कारण राजस्थान की संस्कृति की एक अलग पहचान बन पाई है इतने बुजुर्ग कलाकारों और कुछ तो दिवंगत हो चुके कलाकारों के परिजनों का उनकी सेवाओं के लिए सम्मान करना बहुत ही पुण्य कार्य है। इससे कलाकारों की आने वाली पीढ़ी को भी प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में यह संस्थान कला और संस्कृति के क्षेत्र में बाल कलाकारों और बाल प्रतिभाओं को संस्थान से जोड़कर उन्हें प्रोत्साहित करने का काम करेगा। जस्टिस भाटी ने यह भी कहा कि इतनी सारी कलाओं और संस्कृति के संसार में खूब सारी विविधताएं हैं,पूरे देश में या तो संविधान या फिर कला व कलाकार,जो आपसी एकता पैदा करने का काम करते हैं। राजस्थान स्वयं 126 देशों से बड़ा है,जहां विभिन्न प्रकार की कलाओं में विशेषता हासिल कलाकार अपनी कला के माध्यम से एकता का भी संदेश देते हैं।

पद्मश्री अनवर खान ने कहा कि बदलते हुए परिवेश में मांगणियार कलाकारों के बच्चे अब कला को सीखने के साथ-साथ पढ़ाई करने में भी आगे आ रहे हैं, जिससे भविष्य में वे कला के साथ-साथ अच्छी पढ़ाई के कारण अपने व अपने परिवार का सही तरीके से आगे बढ़ाने में योगदान दे सकेंगे। उन्होंने विश्व संगीत दिवस के अवसर पर मरुधरा लोक कला संगीत सेवा संस्थान द्वारा इस तरह के आयोजन की पहल करने पर साधुवाद दिया।

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राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष और जोधपुर के संभागीय आयुक्त बीएल मेहरा ने विश्व संगीत दिवस के अवसर पर सभी कलाकारों को शुभकामनाएं दी और मरुधरा लोक कला संगीत सेवा संस्थान द्वारा आजादी के पहले से लेकर अब तक के विशिष्ट कलाकारों को सम्मानित करने के लिए विश्व संगीत दिवस को चुनने पर साधुवाद दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में यह संस्थान कला के क्षेत्र में कलाकारों के हित में निर्णय लेकर बेहतर काम करेगी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि राजस्थान संगीत नाटक अकादमी हर तरह से कलाकारों के साथ है। यदि अकादमी की ओर से कलाकारों के प्रोत्साहन या आगे बढ़ाने के लिए कोई प्रस्ताव दिया जाता है तो उसे पर भी सकारात्मक रवैया अपनाते हुए कलाकारों के हित में निर्णय लिए जाएंगे।

आयोजन समिति की सदस्य सुलोचना गौड़, सुरभि शर्मा,डिंपल गौड़,स्वाति दीपक शर्मा,रश्मि शर्मा, सुनंदा पुरोहित,सुमन परिहार,डॉ अर्चना गौड़,पूनम गौड़,देवयानी पंवार,अनिता टाक और अनुसूया गोस्वामी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संचालन रुद्राक्षी शर्मा ने किया।