पीआईबी की अगुवाई में मुम्बई का पत्रकार दल जोधपुर पहुंचा

  • जोधपुर में रेल परियोजनाओं की ली जानकारी
  • भगत की कोठी में वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो के कार्य प्रगति देखी
  • 195 करोड़ रुपए के दूसरे चरण के स्वीकृत कार्य की जानकारी ली
  • वंदे भारत बेड़े की सभी ट्रेनों का रखरखाव जोधपुरम होगा

जोधपुर(दूरदृष्टीन्यूज),पीआईबी की अगुवाई में मुम्बई का पत्रकार दल जोधपुर पहुंचा। पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी),मुंबई की अगुवाई में संपादकों एवं रिपोर्टरों व वरिष्ठ पत्रकारों दल 02 से 08 नवम्बर को राजस्थान दौरे पर आज जोधपुर पहुंचे। राजस्थान दौरे में पत्रकार
दल जोधपुर,जैसलमेर,बाड़मेर और जयपुर जिलों का भ्रमण करेगा।

पत्रकार दल ने रविवार को जोधपुर में केंद्र सरकार के संस्थानों तथा प्रमुख दार्शनिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन किया। इस दौरान रेलवे द्वारा संचालित महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं का अवलोकन किया। इस बारे में जानकारी देते हुए मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि जोधपुर में वंदे भारत स्लीपर कोच का निर्माण कार्य किया जा रहा है।

रेल,सूचना एवं प्रसारण तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जोधपुर में बन रहे वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो के विस्तार वाली 195 करोड़ की महत्वपूर्ण परियोजना को हरी झंडी दे दी है। स्वीकृत राशि से वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के मेंटेनेंस डिपो के विस्तार के साथ-साथ एक बहुद्देश्यीय वर्कशॉप और विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है।

उत्तर पश्चिम रेलवे प्रशासन ने इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए रेलवे बोर्ड को 195 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा था,इस ट्रेनिंग सेंटर के निर्माण से अब वंदे भारत सहित सभी हाई स्पीड ट्रेनों के रखरखाव करने वाले इंजीनियरों को ट्रेनिंग की फैसिलिटी भी जोधपुर में ही मिलेगी।

जोधपुर के भगत की कोठी वाशिंग लाइन के पास 167 करोड़ रुपए की लागत से वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है तथा परियोजना के दूसरे चरण में बहुद्देश्यीय,आधुनिक और आवासीय ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण प्रस्तावित है जहां वंदे भारत बेड़े की सभी ट्रेनों के रखरखाव और इसके रखरखाव से जुड़े इंजीनियरों व सहायक कर्मचारियों को उच्च मानकों वाली ट्रेन मशीनरी को संभालने का गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए रेलमंत्री द्वारा 195 करोड़ रुपए की बजट मंजूरी उत्तर पश्चिम रेलवे के लिए एक बड़ी सौगात है।

द्वितीय चरण में मेंटेनेंस डिपो और प्रशिक्षण केंद्र में विशेष विभाग होंगे, जिनमें से प्रत्येक अलग-अलग तकनीकी और परिचालन क्षेत्रों के लिए समर्पित होगा। इस विकास के साथ जोधपुर देश के हाई स्पीड रेल पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा। सर्वोत्तम रखरखाव,सुविधाओं,केंद्रीकृत संचालन और विश्वस्तरीय प्रशिक्षण अवसंरचना का संयोजन न केवल क्षेत्र की रेल क्षमताओं को सशक्त बनाएगा बल्कि भारतीय रेलवे की भविष्य की तैयारी के लिए नए मानक भी स्थापित करेगा।

एक बार चालू हो जाने पर यह डिपो भारतीय रेलवे पर चलने वाली सभी वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के संपूर्ण रखरखाव का कार्यभार संभालेगा, जिससे परिचालन सुव्यवस्थित होगा और यात्रियों को बेहतर गति व सुविधा मिलेगी। इस सुविधा से न केवल सेवा विश्वसनीयता और टर्नअराउंड समय में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र में रेल परिचालन की समग्र दक्षता भी बढ़ेगी। भगत की कोठी का निर्माण कार्य अग्रिम चरण में है और यह भारतीय रेलवे पर अपनी तरह का पहला डिपो होगा।

भगत की कोठी में मैंटेनेंस कम वर्कशॉप डिपो के द्वितीय चरण के कार्य में अनुरक्षण सुविधाओं के विस्तार में इंस्पेक्षन बे-लाइन पर कवर्ड शेड़,वृह्द कवर्ड वर्कशॉप क्षेत्र का विकास,ओएचई सुविधा युक्त पिट लाइन,पिट व्हील अनुरक्षण का विस्तार व सर्विस बिल्डिंगों का निर्माण इत्यादि का कार्य किया जाएगा।

मैंटेनेंस सह वर्कशॉप डिपो के निर्माण से लाभ:-
-एक ही स्थान पर अत्याधुनिक तकनीक युक्त स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों के अनुरक्षण की सुविधा मिलेगी।
-अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग से संरक्षा में बढ़ोतरी होगी।
-अनुरक्षण सुविधा बेहतर होने से अधिक ट्रेनों को संचालित करने की क्षमता में बढ़ोतरी।
-अधिक ट्रेनों के संचालन से क्षेत्र में रेल कनेक्टीविटी को मजबूती मिलेगी।
-प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अनेक तरह के रोजगारों का सृजन होगा।

जोधपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास ₹474 करोड़ की लागत से किया जा रहा है,जिसके तहत कई आधुनिक सुविधाएँ जोड़ी जा रही हैं और स्टेशन को हवाई अड्डे जैसा बनाया जा रहा है। इस परियोजना का लक्ष्य स्टेशन को विश्वस्तरीय यात्री सुविधाओं से लैस करना और स्थानीय वास्तुकला को संरक्षित करना है। पुनर्विकास के तहत एक नया कॉनकोर्स,मल्टी-लेवल पार्किंग, 32 लिफ्ट और 16 एस्केलेटर बनाए जा रहे हैं,जो यात्रियों की सुविधा बढ़ाएंगे।

पूर्ण होने की संभावित तिथि जुलाई 2026 तक (कुछ स्रोतों के अनुसार 2027)। हर दिन लगभग 92,000 यात्रियों की क्षमता को ध्यान में रखकर निर्माण कार्य किया जा रहा है। 72 मीटर चौड़ा कॉनकोर्स (The air concourse) मल्टी-लेवल पार्किंग,32 लिफ्ट और 16 एस्केलेटर स्काईवॉक,एयर कॉनकोर्स जो सभी प्लेटफार्मों को जोड़ेगा।

जोधपुर की स्थानीय स्थापत्य शैली को शामिल किया जाएगा,जैसे पीले पत्थर की जाली का काम,मेहराब और छतरी। स्टेशन एक “ग्रीन बिल्डिंग” होगा,जिसमें ऊर्जा की कम खपत और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा।

स्टेशन के दोनों ओर (राईका बाग और भगत की कोठी साइड) नई और आधुनिक बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। सुरक्षा और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 7 फुट ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं, जिनकी कुल लंबाई लगभग 1 किलोमीटर होगी। वाहनों के आवागमन के लिए अलग से कॉरिडोर और आगमन/निकासी के लिए अलग द्वार बनाए जाएंगे।

पत्रकार दल जोधपुर में काजरी, आफरी,राष्ट्रीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान तथा राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान का दौरा भी करेगा। पत्रकार दल का यह भ्रमण राज्य में केंद्र सरकार की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को समझने तथा मीडिया प्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

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